Mahashivratri 2021 Wishes & Images: शिवभक्तों कों दे महाशिवरात्रि की बधाई! भेजें ये आकर्षक WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs और Wallpapers
महाशिवरात्रि का पर्व तमाम शिवभक्तों के लिए बेहद विशेष माना जाता है. इस दिन देश के तमाम शिवालयों में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती है. इसके साथ लोग एक-दूसरे को भगवान शिव की तस्वीरों और शुभकामना संदेशों को भेजकर बधाई देते हैं. आप भी इस शुभ अवसर पर इन आकर्षक विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ और वॉलपेपर्स को भेजकर शिवभक्तों को महाशिवरात्रि की बधाई दे सकते हैं.
Mahashivratri 2021 Wishes & Images: हिंदू धर्म में वैसे तो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का खास महत्व बताया जाता है, जिसे हम मासिक शिवरात्रि (Shivratri) के नाम से जानते हैं, लेकिन इन सभी चतुर्दशी तिथियों में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, इसलिए इसे महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के नाम से जाना जाता है. महाशिवरात्रि का यह पावन पर्व देवों के देव महादेव (Mahadev) की आराधना के लिए समर्पित है. माना जाता है कि इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इस दिन दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने के लिए भी कई जातक भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करते हैं.
महाशिवरात्रि का पर्व तमाम शिवभक्तों के लिए बेहद विशेष माना जाता है. इस दिन देश के तमाम शिवालयों में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ती है. इसके साथ ही लोग एक-दूसरे को भगवान शिव की तस्वीरों और शुभकामना संदेशों को भेजकर बधाई देते हैं. आप भी इस शुभ अवसर पर इन आकर्षक विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ और वॉलपेपर्स को भेजकर शिवभक्तों को महाशिवरात्रि की बधाई दे सकते हैं.
1- महाशिवरात्रि 2021
2- महाशिवरात्रि 2021
3- महाशिवरात्रि 2021
4- महाशिवरात्रि 2021
5- महाशिवरात्रि 2021
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था. हिंदू पंचांग के अनुसार, जिस दिन चतुर्दशी तिथि की मध्य रात्रि यानी निशीथ काल मिलती है, उसी दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है. आपको बता दें कि इस बार महाशिवरात्रि के दिन सुबह 09:25 बजे तक महान कल्याणकारी 'शिव योग' रहेगा और उसके बाद सभी कार्यों में सिद्धि दिलाने वाला 'सिद्धयोग' प्रारंभ हो जाएगा.