Mahaparinirvan Diwas 2024 HD Images: महापरिनिर्वाण दिवस पर इन WhatsApp Stickers, Messages, Wallpapers को भेजकर दें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि
महापरिनिर्वाण दिवस 2024 (Photo Credits: File Image)

Mahaparinirvan Diwas 2024 HD Images: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर (Dr. Babasaheb Ambedkar) महान समाज सुधारक और विद्वान थे, जिनका निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था, इसलिए हर साल 6 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि मनाई जाती है, जिसे महापरिनिर्वाण दिवस (Mahaparinirvan Diwas) के तौर पर जाना जाता है. भारत के संविधान (Indian Constitution) को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर (Dr. Bheemrao Ambedkar) को संविधान का निर्माता कहा जाता है. उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू नामक गांव में हुआ था. वो अपने पिता रामजी मालोजी सकपाल और माता भीमाबाई की चौदहवीं संतान थे. महार जाति में जन्म लेने के चलते उन्हें बचपन से ही समाज में भेदभाव, छुआछूत जैसी न जाने कितनी ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. ऐसे में उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए छुआछूत, जातिवाद और भेदभाव जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई. इसके साथ दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए उन्होंने कई आंदोलन भी किए.

समाज में दलितों और गरीबों की स्थिति में सुधार के लिए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने सरहानीय कार्य किए और छूआछूत जैसी प्रथा को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसलिए उनको बौद्ध गुरु माना जाता है. ऐसे में महापरिनिर्वाण दिवस के इस अवसर पर आप इन एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, मैसेजेस, वॉलपेपर्स को अपनों संग शेयर करके डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.

1- डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें शत-शत नमन

महापरिनिर्वाण दिवस 2024 (Photo Credits: File Image)

2- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को कोटी-कोटी प्रणाम

महापरिनिर्वाण दिवस 2024 (Photo Credits: File Image)

3- महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को नमन

महापरिनिर्वाण दिवस 2024 (Photo Credits: File Image)

4- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को विनम्र श्रद्धांजलि

महापरिनिर्वाण दिवस 2024 (Photo Credits: File Image)

5- महापरिनिर्वाण दिवस 2024

महापरिनिर्वाण दिवस 2024 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि 14 अक्टूबर 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में एक औपचारिक सार्वजनिक समारोह में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने श्रीलंका के महान बौद्ध भिक्षु महत्थवीर चंद्रमणी से पारंपरिक तरीके से त्रिरत्न और पंचशील को स्वीकार करते हुए बौद्ध धर्म को अपनाया था. बौद्ध धर्म अपनाने के कुछ ही समय बाद उनका निधन हो गया. निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार मुंबई के दादर चौपाटी पर बौद्ध धर्म के रीति-रिवाज के अनुसार किया गया था. जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया, उसे चैत्य भूमि के नाम से जाना जाता है. बता दें कि अंतिम संस्कार के दौरान डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को साक्षी मानकर करीब 10 लाख समर्थकों ने बौद्ध धर्म को अपनाया था.