Maghi Ganesh Jayanti 2020: कब है माघी गणेश जयंती जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
गणेश जयंती माघ महीने में भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह माघ चंद्र महीने के दौरान शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है. ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार ये जनवरी और फरवरी महीने में पड़ता है. माघ महीने के दौरान गणेश जयंती मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कोंकण के तटीय क्षेत्रों में मनाई जाती है.
Maghi Ganesh Jayanti 2020: गणेश जयंती माघ महीने में भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह माघ चंद्र महीने के दौरान शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है. ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार ये जनवरी और फरवरी महीने में पड़ता है. माघ महीने के दौरान गणेश जयंती मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कोंकण के तटीय क्षेत्रों में मनाई जाती है. भारत के अधिकांश भाग में भगवान गणेश की जयंती भाद्रपद माह के दौरान मनाई जाती है और इसे गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है. गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र में सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, हालांकि इसे भगवान गणेश की जयंती के रूप में नहीं देखा जाता है, बल्कि माघ महीने में गणेश जयंती मनाई जाती है.
महाराष्ट्र में गणेश जयंती को माघ शुक्ल चतुर्थी, तिलकुंड चतुर्थी और वरद चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है. इस साल माघी गणेश जयंती 28 जनवरी को पड़ रही है, सभी चतुर्थी की तरह हिन्दू धर्म में माघी गणेश चतुर्थी का बहुत महत्व है. इस दौरान मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में भक्तों की भीड़ इकठ्ठा होती है और बहुत ही धूम धाम से माघ गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. अग्नि पुराण में इस दिन का विशेष वर्णन किया गया है, इस दिन व्रत करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइए आपको बताते हैं इसका महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि. यह भी पढ़ें: Magha Ganesh Jayanti 2019: गणेश चतुर्थी के दिन पृथ्वी पर कई गुना बढ़ जाते हैं गणेश तत्व
शुभ महूर्त:
चतुर्थी तिथि की शुरुआत: 28 जनवरी, 2020 को सुबह 08:21 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त: 29 जनवरी, 2020 को सुबह 10:45 बजे
सुबह गणेश पूजा मुहूर्त - सुबह 11:40 बजे से दोपहर 01:55 बजे तक
अवधि - 02 घंटे 15 मिनट
सुबह चंद्रमा के दर्शन से बचने का समय - प्रातः 09:31 से प्रातः 09:25 तक
अवधि - 11 घंटे 55 मिनट
अगले दिन चंद्रमा के दर्शन से बचने का समय - सुबह 10:06 बजे से रात 10:13 बजे, 29 जनवरी
अवधि - 12 घंटे 07 मिनट
पूजा विधि:
सूर्योदय से पहले स्नान कर साफ़ कपड़े पहनें.
गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर उनकी विधिवत पूजा करें.
पूजा शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप करें
गजानन भूतगणादि सेवितं कपित्थ जंबू फल चारू भक्षणम् ।
उमासुतम शोक विनाशकारकम् नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
इसके बाद पूजा का संकल्प लेकर ॐ गं गणपतये नमः का जप कर पूजा के बाद आरती करें. आरती के बाद गणेश जी को 11 लड्डुओं का भोग लगाएं और विधिवत गरीबों को खाना खिलाएं.
माघी गणेश जयंती की पूजा और उपासना से सबसे ज्यादा लाभ मिलते हैं, इससे मृत्यु के बाद मुक्ति मिलती है. इस दिन चन्द्रदर्शन निषेध है, अगर इस दिन चंद्र के दर्शन कर लिए तो मानसिक विकार उत्पन्न होता है. गणेश जयंती के व्रत और पूजा से सभी संकटों का नाश होता है.