Karwa Chauth 2024 Messages: हैप्पी करवा चौथ! इन हिंदी WhatsApp Wishes, Quotes, GIF Greetings, Photo SMS के जरिए दें बधाई
शादीशुदा महिलाएं करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार करके दुल्हन की तरह सजती-संवरती हैं, फिर रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति का मुख छलनी से देखकर उनके हाथों से जल पीकर अपना व्रत खोलती हैं. इसके साथ ही इस दिन इस पर्व की शुभकामनाएं भी दी जाती हैं. इस अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए हैप्पी करवा चौथ कहकर बधाई दे सकते हैं.
Karwa Chauth 2024 Messages in Hindi: अखंड सौभाग्य के पर्वों में करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाओं के जीवन में बहुत महत्व रखता है. यह व्रत शादीशुदा महिलाओं के दांपत्य जीवन में खुशियां लेकर आता है. इस दिन सास अपनी बहू को सरगी देती है, जिसे सूर्योदय के पहले खाकर व्रत की शुरुआत की जाती है. सरगी का करवा चौथ (Karwa Chauth) व्रत में बहुत महत्व है और इसके बिना इस व्रत को पूर्ण नहीं माना जाता है. पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए किया जाने वाला करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat) हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस साल 20 अक्टूबर 2024 को करवा चौथ का व्रत रखा जा रहा है. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में सरगी (Sargi) खाकर पूरे दिन निर्जल व्रत रखती हैं, फिर करवा चौथ की विधि-विधान से पूजा करने के बाद चांद का दीदार करके व्रत का पारण करती हैं.
शादीशुदा महिलाएं करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार करके दुल्हन की तरह सजती-संवरती हैं, फिर रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति का मुख छलनी से देखकर उनके हाथों से जल पीकर अपना व्रत खोलती हैं. इसके साथ ही इस दिन इस पर्व की शुभकामनाएं भी दी जाती हैं. इस अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए हैप्पी करवा चौथ कहकर बधाई दे सकते हैं.
करवा चौथ का दिन सुहागन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है, इसलिए वो इसकी तैयारी में कई दिन पहले से ही जुट जाती हैं. हाथों में मेहंदी रचाने से लेकर नए कपड़े पहनने और सोलह श्रृंगार करने तक को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह दिखाई देता है. इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और 16 श्रृंगार करके शुभ मुहूर्त में चौथ माता, मां गौरी और गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करती हैं, फिर चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर इस व्रत को पूर्ण किया जाता है.