Karva Chauth 2018: सुहागन महिलाओं के अखंड सौभाग्य का पर्व करवा चौथ इस साल शनिवार, 27 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इस दिन सालों बाद तीन अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं. इस दिन संकष्टी गणेश चतुर्थी होने के कारण यह पर्व महिलाओं के लिए और भी शुभ हो गया है. इसके अलावा करीब 11 साल बाद करवा चौथ के दिन ग्रहों के ऐसे संयोग बन रहे हैं, जो राजयोग, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग लेकर आ रहे हैं. इन तीन बड़े शुभ योगों की वजह से व्रत और पूजा के लिए करवा चौथ का दिन और खास हो जाएगा.
मान्यता है कि इस अद्भुत महासंयोग के दौरान किया गया हर कार्य सफल होता है और इस दौरान की गई पूजा, व्रत का लाभ भी कई गुना अधिक हो जाता है. बता दें कि करवा चौथ का पूजन भारतीय महिलाएं सौभाग्य और पति की लंबी आयु के लिए करती हैं. इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजन और व्रत का समापन किया जाता है.
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखकर शाम के समय प्रदोष काल यानी गोधुली बेला में और निशीथ काल यानी मध्य रात्रि के दौरान भगवान शिव माता पार्वती, भगवान गणेश, कुमार कार्तिकेय आदि देवताओं को षोडशोपचार विधि से पूजन करती हैं. यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2018: स्नैपडील ने लॉन्च किया 'स्टोर', मिल रही है भारी छूट
इस दिन चंद्रमा का पूजन, दर्शन और अर्घ्य देने के बाद ही महिलाएं अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करके अपना व्रत खोलती हैं. करवा चौथ के दिन रात 7.38 बजे चंद्रोदय होगा, लेकिन भद्रा 7.58 बजे तक रहेगी. हालांकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रात 9 बजे तक रहेगा, ऐसे में रात 8 बजे से 9 बजे के बीच पूजन करना उत्तम और कल्याणकारी होगा.
करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाओं के लिए 16 श्रृंगार का अधिक महत्व बताया गया है. इस दिन महिलाएं सजती-संवरती हैं और 16 श्रृंगार करके अपने पति की लंबी आयु के लिए पूजन करती हैं. रात्रि में चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही महिलाओं का व्रत पूर्ण माना जाता है. हालांकि व्रत को विधि-विधान से करना अनिवार्य है, जिसका पूजन के समय ध्यान रखना जरूरी होता है.