Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा-स्नान क्यों जरूरी है? जानें इसका महात्म्य, गंगा-पूजा और क्या करें क्या ना करें!
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा प्रारंभ करने से पूर्व सारे घर की अच्छी तरह सफाई अवश्य करें. क्योंकि इस दिन श्रीहरि के साथ माँ लक्ष्मी का आह्वान एवं पूजा करनी चाहिए.
सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा की तिथि श्रीहरि एवं देवी लक्ष्मी को समर्पित माना गया है. इस वजह से इस पूर्णिमा का महत्व बढ़ जाता है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा-स्नान, सूर्योपासना एवं गंगा पूजन करने से जातक के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. इस वर्ष 27 नवंबर 2023, सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. आइए जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा की तिथि, इसके महात्म्य के बारे तथा इस दिन दिन किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए.
गंगा स्नान का महत्व
सनातन धर्म में गंगा-स्नान का बड़ा ही आध्यात्मिक महत्व है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु सैकड़ों किमी की यात्रा कर हरिद्वार, काशी, प्रयागराज स्थित संगम, ऋषिकेश पहुंचकर गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं. मान्यता है कि गंगा-स्नान करने एवं दीपदान करने से जातक के सारे कष्ट कट जाते हैं.
गंगा-स्नान के दौरान निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए.
गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि।
मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति
ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।
स्नान के पश्चात सूर्य को जल अर्पित करें, साथ ही सूर्य मंत्र भी पढ़ें
'ॐ आदित्याय नमः'
कार्तिक पूर्णिमा की मूल तिथि एवं मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा प्रारंभः 03.53 PM (26 नवंबर 2023 रविवार)
कार्तिक पूर्णिमा समाप्तः 02.45 PM (27 नवंबर 2023, सोमवार)
उदयातिथि के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का स्नान एवं व्रत-पूजा 27 नवंबर को मनाया जायेगा.
यहां जानेंगे कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या कार्य करना श्रेयस्कर होगा और क्या कार्य करने से बचना चाहिए.
ये कार्य अवश्य करें!
* कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा प्रारंभ करने से पूर्व सारे घर की अच्छी तरह सफाई अवश्य करें. क्योंकि इस दिन श्रीहरि के साथ माँ लक्ष्मी का आह्वान एवं पूजा करनी चाहिए.
* कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा-स्नान अथवा किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए. ऐसा करने से जातक के सारे पाप धुल जाते हैं.
* स्नान-ध्यान के पश्चात किसी गरीब अथवा जरूरतमंद व्यक्ति को दान में वस्त्र, कंबल, भोजन आदि देने के बाद ही भोजन करना चाहिए. इससे आपके दान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है.
* इस दिन जो दान आवश्यक रूप से करना चाहिए, वे हैं चावल, शक्कर, दूध इत्यादि.
* इस दिन रात के समय नदी, तालाब अथवा किसी सरोवर में दीप दान करना चाहिए. ऐसा करने से तन-मन के सारे विकार नष्ट होते हैं, और परिवार की सेहत अच्छी रहती है.
इन कार्यों को करने से बचें!
* कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए.
* इस दिन मांसाहारी भोजन और मद्यपान आदि करने से बचें.
* कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी बुजुर्ग अथवा भिखारी का अपमान नहीं करना चाहिए.
* चूंकि इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा होती है, इसलिए कोशिश करें कि इस दिन घर-परिवार में किसी तरह का कलह-अथवा विवाद नहीं हो.