Kano Jigoro Google Doodle: कानो जिगोरो का 161वां जन्मदिन, गूगल ने जापान के 'फादर ऑफ जूडो' को समर्पित किया ये खास डूडल

आज गूगल ने जापान के फादर ऑफ जूडो कहे जाने वाले प्रोफेसर कानो जिगोरो को उनके 161वें जन्मदिन पर खास डूडल समर्पित किया है. गूगल ने कानो जिगोरो को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए डूडल में कई स्लाइड्स बनाए हैं, जिसे उनके जीवन और काम को एक फ्रेम की श्रृंखला में दर्शाने के लिए एनिमेटेड किया गया है.

कानो जिगोरो गूगल डूडल (Photo Credits: Google)

Kano Jigoro's 161st Birthday Google Doodle: सर्च इंजिन गूगल (Google) अक्सर किसी न किसी हस्ती के जन्मदिन और किसी खास मौके पर डूडल (Doodle) समर्पित करता है. इसी कड़ी में आज गूगल ने जापान (Japan) के 'फादर ऑफ जूडो' (Father of Judo) कहे जाने वाले प्रोफेसर कानो जिगोरो (Kano Jigoro) को उनके 161वें जन्मदिन (161st Birthday) पर खास डूडल समर्पित किया है. गूगल ने कानो जिगोरो को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए डूडल में कई स्लाइड्स बनाए हैं, जिसे उनके जीवन और काम को एक फ्रेम की श्रृंखला में दर्शाने के लिए एनिमेटेड किया गया है. डूडल में कानो जिगोरो को अपने छात्रों को मार्शल आर्ट (Martial Art) में महारत हासिल करने में मदद करते हुए दिखाया गया है.

कानो जिगोरो का जन्म साल 1860 में मिकेज (अब कोबे का हिस्सा है) में हुआ था. कहा जाता है कि करीब 11 साल की उम्र में वो अपने पिता के साथ टोक्यो चले गए थे. स्कूल में उन्हें एक अद्भुत बच्चे के रूप में जाना जाता था, जो जुजुत्सु की मार्शल आर्ट का अध्ययन करने के लिए काफी दृढ था. टोक्यो विश्वविद्यालय में एक छात्र के तौर पर उन्हें आखिरकार जुजुत्सु मास्टर और पूर्व समुराई फुकुदा हाचिनोसुके (Jujutsu master and former samurai Fukuda Hachinosuke) की शिक्षा देने वाला व्यक्ति मिल गया. यह भी पढ़ें: Otto Wichterle's 108th Birthday Google Doodle: ओटो विख्तर्ले की 108वीं जयंती पर गूगल ने ख़ास डूडल बनाकर किया याद

जूडो का जन्म पहली बार जुजुत्सु के बीच एक मैच के दौरान हुआ था, जब कानो ने अपने बड़े प्रतिद्वंदी को मैट पर लाने के लिए एक वेस्टर्न रेसलर मूव को शामिल किया था. जुजुत्सु में उपयोग की जाने वाली सबसे खतरनाक तकनीकों को हटाकर उन्होंने जूडो बनाया, जो कानो के पर्सनल फिलोसॉफी सेरीयोकू-जेन्यो (Seiryoku-Zenyo) (ऊर्जा का अधिकतम कुशल उपयोग) और जिता-क्योई (Jita-Kyoei) (स्वंय और दूसरों की पारस्परिक समृद्धि) पर आधारित एक सुरक्षित और सहकारी खेल है.

साल 1882 में कानो ने अपना डोजो (मार्शल आर्ट जिम), टोक्यो में कोडोकन जूडो इंस्टीट्यूट की शुरुआत की, जहां वो सालों तक जूडो का विकास करते रहे. उन्होंने साल 1893 में इस खेल में महिलाओं का स्वागत किया. साल 1909 में कानो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (International Olympic Committee) यानी आईओसी (IOC) के पहले एशियाई सदस्य बने और साल 1960 में आईओसी ने जूडो को एक आधिकारिक ओलंपित खेल की मंजूरी दी.

Share Now

\