Kajari Teej 2024 Wishes: कजरी तीज के इन प्यार भरे हिंदी Quotes, Facebook Messages, WhatsApp Greetings को भेजकर दें शुभकामनाएं
कजरी तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत की कामना से निर्जल व्रत रखती हैं और सज-संवरकर भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करती हैं. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से अखंड सौभाग्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन प्यार भरे विशेज, कोट्स, फेसबुक मैसेजेस, वॉट्सऐप ग्रीटिंग्स को भेजकर कजरी तीज की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Kajari Teej 2024 Wishes in Hindi: अखंड सौभाग्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से विवाहित महिलाएं साल भर में कई व्रत करती हैं, लेकिन अगर तीज की बात करें तो साल में तीन तीज मनाई जाती है, जो भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और माता पार्वती (Mata Parvati) को समर्पित है. इन तीनों तीज में व्रत रखकर महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करके अपने पति की दीर्घायु और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं. सावन मास में हरियाली तीज (Hariyali Teej) के बाद विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज (Kajari Teej) का व्रत रखती हैं. ऐसी मान्यता है कि कजरी तीज के व्रत से सुहागन महिलाओं को खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है, जबकि कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के अलावा रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं. इस साल 22 अगस्त 2024 को कजरी तीज मनाई जा रही है.
कजरी तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत की कामना से निर्जल व्रत रखती हैं और सज-संवरकर भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करती हैं. वहीं योग्य वर की कामना से कुंवारी कन्याएं भी इस व्रत को करती हैं. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से अखंड सौभाग्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन प्यार भरे विशेज, कोट्स, फेसबुक मैसेजेस, वॉट्सऐप ग्रीटिंग्स को भेजकर कजरी तीज की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
कजरी तीज की पूजा विधि की बात करें तो इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद पूजा स्थल पर एक चौकी पर लाल या पीले रंग के वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए. पूजन के दौरान माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करते हुए भोलेनाथ का दूध, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भस्म इत्यादि से पूजन करना चाहिए. अब रात में चंद्रोदय के बाद हाथ में चांदी की अंगूठी और गेहूं के दाने लेकर चंद्रदेव को अर्घ्य देना चाहिए, फिर अपने व्रत का पारण करना चाहिए.