Jitiya Nahay Khay 2023 Wishes: जीवित्पुत्रिका व्रत नहाय-खाय की दें बधाई, शेयर करें ये WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images और Wallpapers
जितिया के पर्व को तीन दिन तक मनाया जाता है, सप्तमी तिथि को नहाय-खाय के बाद अष्टमी तिथि को महिलाएं बच्चों की सलामती के लिए निर्जल व्रत रखती हैं, फिर नवमी तिथि को इस व्रत का पारण करती हैं. जितिया नहाय-खाय के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस और वॉलपेपर्स को भेजकर बधाई दे सकते हैं.
Jitiya Nahay Khay 2023 Wishes in Hindi: अपने संतान की लंबी उम्र और उसके खुशहाल जीवन की कामना से वैसे तो महिलाएं साल भर में कई व्रत करती हैं, लेकिन उन व्रतों में जितिया व्रत का विशेष महत्व बताया जाता है, जिसे जिउतिया और जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) के नाम से भी जाना जाता है. तीन दिनों तक मनाए जाने वाले जितिया व्रत (Jitiya Vrat) का पहला दिन नहाय खाय (Jitiya Nahay Khay) होता है. इस साल 6 अक्टूबर 2023 को जितिया व्रत रखा जाएगा, जिसकी शुरुआत आज (05 अक्टूबर 2023) को जितिया नहाय खाय के साथ शुरु हो गई है. जितिया व्रत के पहले दिन को नहाय खाय कहा जाता है और अगले दिन निर्जल व्रत रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत रखा जाता है. इस पर्व को मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में मनाया जाता है.
जितिया के पर्व को तीन दिन तक मनाया जाता है, सप्तमी तिथि को नहाय-खाय के बाद अष्टमी तिथि को महिलाएं बच्चों की सलामती के लिए निर्जल व्रत रखती हैं, फिर नवमी तिथि को इस व्रत का पारण करती हैं. जितिया नहाय-खाय के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस और वॉलपेपर्स को भेजकर बधाई दे सकते हैं.
1- जीतिया नहाय खाय की शुभकामनाएं
2- जीतिया नहाय खाय की हार्दिक बधाई
3- हैप्पी जीतिया नहाय खाय
4- जीवित्पुत्रिका व्रत नहाय खाय
5- जीवित्पुत्रिका व्रत नहाय खाय की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि इस व्रत को शुरु करने से पहले महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाती हैं, फिर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेती हैं. शाम के वक्त अग्रदेव भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा करने के साथ-साथ जीमूतवाहन की कथा सुनी जाती है. पूजन के दौरान खीरा, चना, पेड़ा, लौंग, इलाइची, पान-सुपारी सहित अन्य सामग्रियां अर्पित की जाती हैं. इस दिन निर्जल व्रत रखकर महिलाएं विधि-विधान से पूजा कर अपनी संतान की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं.