Janaki Jayanti 2024 Messages in Hindi: मिथिला के राजा जनक की पुत्री और मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम (Bhagwan Ram) की पत्नी माता सीता (Mata Sita) का जन्मोत्सव हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस साल 4 मार्च 2024 को जानकी जयंती (Janaki Jayanti) यानी सीता जयंती (Sita Jayanti) का पर्व मनाया जा रहा है. दरअसल, माता सीता के प्राकट्य उत्सव को जानकी जयंती के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे सीता अष्टमी (Sita Ashtami) भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान राम और माता जानकी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर होते हैं. इस दिन सियाराम के पूजन से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है, क्योंकि भगवान राम को श्रीहरि और माता सीता को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है.
माता सीता के प्राकट्य उत्सव के दिन विवाहित महिलाएं अपने घर-परिवार में सुख-शांति और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना से इस व्रत को करती हैं. इस दिन सियाराम के पूजन से सोलह महादान और पृथ्वी दान का फल प्राप्त होता है. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस के जरिए अपनों को शुभ जानकी जयंती कह सकते हैं.
1- मां जानकी हम सभी पर,
अपना प्यार और दुलार बनाए रखें,
प्रभु श्रीराम के साथ सदैव,
हमारे मन मंदिर में विराजित रहें.
शुभ जानकी जयंती
2- आज के दिन जनक नंदिनी माता जानकी का,
इस धरा धाम पर अवतरण हुआ था,
सीता जयंती के दिन आप सभी को,
माता जानकी का दिव्य आशीर्वाद मिले.
शुभ जानकी जयंती
3- भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता,
आदर्श नारी की प्रतिमूर्ति,
त्याग, प्रेम, धैर्य, करुणा और
संयम की अधिष्ठात्री देवी,
माता जानकी के जन्मोत्सव की बधाई.
शुभ जानकी जयंती
4- त्याग, शील, ममता,
और समर्पण का पर्व है,
माता सीता का प्राकट्य दिवस,
आओ मिलकर करें उन्हें नमन...
शुभ जानकी जयंती
5- मिथिला पुत्री, जनक नंदिनी,
माता सीता जी के प्राकट्योत्सव,
जानकी जयंती की बधाई...
शुभ जानकी जयंती
रामायण की प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय मिथिला में भयंकर सुखा पड़ा था और वर्षा के लिए यज्ञ के दौरान जब राजा जनक खेत जोत रहे थे, तब उन्हें खेत की भूमि से एक नन्ही बच्ची मिली थी. राजा जनक ने उस कन्या को गोद ले लिया और उनका नाम सीता रखा. राजा जनक की पुत्री होने के कारण उन्हें जानकी भी कहा जाता है. इस दिन पुष्प, फल, मिठाई, धूप-दीप, श्रृंगार और चुनरी अर्पित कर देवी सीता की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही भगवान राम की पूजा भी करनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं.