International Yoga Day 2020: रोज करें ये खास योग आसन, डिप्रेशन के लक्षणों को कम कर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मिलेगी मदद
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020 (Photo Credits: Pixabay)

International Yoga Day 2020: योग (Yoga) बहुत ही प्राचीन क्रिया है, जो तन-मन के साथ आत्मा के लिए बहुत लाभकारी है. योग प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है. कहते हैं कि जो लोग नियमित रूप से योग करते हैं, बीमारियां (Diseases) उनसे कोसों दूर भागती हैं. योग की शक्ति और इससे होने वाले चमत्कार से दुनिया को रूबरू कराने के लिए हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया जाता है. रोजाना योग करने से शारीरिक समस्याएं (Physical Health Problem) तो दूर होती ही हैं, लेकिन इससे मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) भी बेहतर होता है.

कई अध्ययनों से यह पता चला है कि योग से डिप्रेशन यानी अवसाद (Depression) के लक्षणों में कमी आती है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. चलिए जानते हैं ऐसे आसान योग आसन जो अवसाद के लक्षणों (Symptoms of Depression) को कम कर आपके मेंटल हेल्थ को सुधारने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं.

सुखासन या आसान मुद्रा

सुखासन को मेडिटेशन यानी ध्यान का आसन माना जाता है. ज्यादातर लोग मेडिटेशन करने के लिए इसी आसन में बैठना पसंद करते हैं. इस आसन मुद्रा को प्राचीन भारतीय योगियों की तपस्या की मुद्रा भी माना जाता है. सुखासन करते समय रोजाना अपने पैरों की स्थिति को बदलते रहें. इसका मतलब है कि अगर एक दिन आपने अपने दाएं पैर को ऊपर रखा था तो दूसरे दिन अपने बाएं पैर को ऊपर की तरफ रखें. इस योग आसन के नियमित अभ्यास से तन और मन दोनों स्वस्थ होते हैं.

वज्रासन या वज्र मुद्रा

वज्रासन या वज्र मुद्रा घुटनों को मोड़ने के बाद पैरों पर बैठकर किया जाने वाला आसन है. इसे डायमंड पोज भी कहा जाता है. इस योगासन में बैठकर प्राणायाम, कपालभाति और अनुलोम-विलोम भी किया जा सकता है. शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए यह बेहतरीन योग है. इस आसन के दौरान अपने दोनों घुटनों को आपस में मिलाकर रखें. इसके साथ ही अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें.

पश्चिमोत्तासन योग मुद्रा

पश्चिमोत्तासन करने के लिए पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएं और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधी रखें. सांस भरते हुए अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और खींचे. अब अपनी सांस छोड़ते हुए, कूल्हों के जोड़ से अपने पंजों की ओर झुकें.अपने हाथों को पैरों के पंजों के पास ले जाएं और सांस भरते हुए धीरे से सिर को उठाएं, ताकि रीढ़ की हड्डी में खिंचाव महसूस हो. यह भी पढ़ें: World Yoga Day 2020: स्वस्थ जीवन के लिए बेहद जरूरी है योग, मिलती है आत्मा-शरीर और मन की शांति

भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम का नाम भ्रामरी मधुमक्खी के नाम से पड़ा है. इसका मतलब यह है कि जब हम भ्रामरी प्राणायाम करते हैं तो मधुमक्खी जैसा कंपन या ध्वनि निकलती है. भ्रामरी आसन व्यक्ति के दिमाग और मन को शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस आसन की खासियत यह है कि इसे कोई भी आसानी से कर सकता है. भ्रामरी प्राणायाम करने से क्रोध, चिंता और निराशा को दूर किया जा सकता है.

योग करते समय कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है. योग आसन की शुरुआत करने से पहले वार्म अप करना जरूरी है. उसके बाद प्राणायाम करना चाहिए और योग करने के बाद आखिर में शवासन करना चाहिए. भोजन करने के तुरंत बाद योग करने से बचें. योग और खाने के बीच करीब 3 घंटे का अंतर होना चाहिए, लेकिन वज्रासन एक ऐसा योग आसन है जिसे भोजन के बाद भी किया जा सकता है.