International Men's Day 2023: पुरुष प्रधान समाज में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का क्या औचित्य है? जानें 6 मुख्य तथ्य!
International Men's Day- 19 नवंबर 1999 को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत हुई. हालांकि स्त्री एवं पुरुष समानांतर स्थिति में पहुंचने के बाद भी पुरुष प्रधान समाज की सोच बदली नहीं है, ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि पुरुष प्रधान समाज में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने का क्या औचित्य हो सकता है. आइये जानें वे मुद्दे, जिन पर भी हमारे समाज का ध्यानाकर्षण आवश्यक है.
International Men's Day 2023: एक समय था, जब दुनिया भर के देशों और वहां के समाज का संचालन पुरुषों द्वारा निमित्त होते थे. पुरुष-प्रधान समाज की यह अवधारणा समय के साथ पुख्ता-दर-पुख्ता होती गई, मगर ज्यों-ज्यों विज्ञान और विकास के दायरे बढे, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला स्त्रियों की शैक्षिक, सामाजिक, न्यायिक, स्वास्थ्य एवं आर्थिक दशा में सुधार आया, जबकि पुरुषों के प्रति लैंगिक भेदभाव, सेहत, न्यायिक व्यवस्था जैसे मुद्दे नगण्य होते गए. यही वह समय था, जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के समानांतर अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की अवधारणा को बल मिला.
19 नवंबर 1999 को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत हुई. हालांकि स्त्री एवं पुरुष समानांतर स्थिति में पहुंचने के बाद भी पुरुष प्रधान समाज की सोच बदली नहीं है, ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि पुरुष प्रधान समाज में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने का क्या औचित्य हो सकता है. आइये जानें वे मुद्दे, जिन पर भी हमारे समाज का ध्यानाकर्षण आवश्यक है.
पुरुषों की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति!
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रकाश डालने का अवसर प्रदान करता है. पुरुषों में ज्यादातर होने वाले प्रोस्टेट कैंसर, वृषण कैंसर, मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों और आत्महत्या दर जैसी समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाता है, साथ ही उनके हितों को प्राथमिकता देने और उचित समर्थन और देखभाल के लिए प्रोत्साहित करता है.
रूढ़िवादिता और विषाक्त पुरुषत्व को चुनौती! इस आयोजन का उद्देश्य पारंपरिक रूढ़िवादी और पुरुषत्व की नुकसानदेह धारणाओं को चुनौती देना है. यह सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देकर और भावनात्मक अभिव्यक्ति, सहानुभूति और सम्मानजनक रिश्तों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्वस्थ पुरुषत्व की चर्चा को प्रोत्साहित करता है.
लैंगिक समानता को बढ़ावा! अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मानता है कि लैंगिक समानता हासिल करना एक साझा लक्ष्य है. पुरुषों और लड़कों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करके, यह सभी के लिए लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के प्रयासों को पूरक बनाता है. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस न्यायसंगत समाज बनाने के लिए लिंगों के बीच संवाद, समझ और सहयोग को प्रोत्साहित करता है.
लड़कों और युवा पुरुषों का समर्थन! यह दिवस विशेष लड़कों और युवा पुरुषों के सामने आने वाली तमाम चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करता है, जिसमें शैक्षिक, रोजगार, मानसिक स्वास्थ्य आदि के मुद्दे और सामाजिक दबाव शामिल हैं. यह लड़कों और युवाओं को इन चुनौतियों से निपटने और उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करने के लिए परामर्श, मार्गदर्शन और सहायता प्रणालियों को प्रोत्साहित करता है.
सकारात्मक पुरुष योगदान का जश्न! यह कार्यक्रम पुरुषों द्वारा अपने परिवार, समुदाय और समग्र रूप से समाज में किए गए सकारात्मक योगदान का जश्न मनाता है. यह शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कला, खेल और उद्यमिता सहित विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों को स्वीकारता, और दूसरों को प्रेरित करता है. साथ ही पुरुषों द्वारा निभाई जाने वाली विविध भूमिकाओं को उजागर करता है.
संवाद और जागरूकता को बढ़ावा! अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस खुली चर्चा, जागरूकता अभियान और शैक्षिक पहल के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है. यह व्यक्तियों, संगठनों और समुदायों को सार्थक बातचीत में शामिल होने, अनुभव साझा करने और एक-दूसरे से सीखने, बेहतर समझ और सहानुभूति को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है.