Indira Ekadashi 2021 Wishes & Images: इंदिरा एकादशी पर इन मनमोहक WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं

पितृ पक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी व्रत का अन्य एकादशी के व्रतों में काफी अलग स्थान है. इस व्रत के नियमों का पालन दशमी तिथि से करना होता है और व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है. इस खास अवसर पर आप इन मनमोहक विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.

इंदिरा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

Indira Ekadashi 2021 Wishes & Images: भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को एकादशी तिथि अत्यंत प्रिय है और आज (2 अक्टूबर) इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है. पितृपक्ष (Pitru Paksha) के दौरान यह एकादशी मनाई जाती है, इसलिए इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. धार्मिक मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इंदिरा एकादशी का व्रत रखता है, उसकी सात पीढ़ियों तक के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि जिनकी कुंडली में पितृदोष है, उन्हें इस एकादशी का व्रत जरूर रखना चाहिए. यह व्रत मृत पूर्वजों और पितरों की मुक्ति के लिए किया जाता है.

पितृ पक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी व्रत का अन्य एकादशी के व्रतों में काफी अलग स्थान है. इस व्रत के नियमों का पालन दशमी तिथि से करना होता है और व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है. इस खास अवसर पर आप इन मनमोहक विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:

शुभ इंदिरा एकादशी

इंदिरा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

2- ॐ नमो नारायण नम:

इंदिरा एकादशी की हार्दिक बधाई

इंदिरा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

3- ॐ श्री विष्णवे नम:

इंदिरा एकादशी की शुभकामनाएं

इंदिरा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

4- आपको और आपके परिवार को

इंदिरा एकादशी की शुभकामनाएं

इंदिरा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

5- हैप्पी इंदिरा एकादशी 2021

इंदिरा एकादशी 2021 (Photo Credits: File Image)

इंदिरा एकादशी व्रत से जुड़ी विधि के अनुसार, व्रत रखने वाले व्यक्ति को दशमी तिथि को सूर्यास्त से पहले भोजन कर लेना चाहिए, फिर अगले दिन यानी एकादशी को सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजन स्थल पर भगवान शालिग्राम की विधि-विधान से पूजा करें. अगले दिन द्वादशी तिथि पर गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देकर अपने व्रत का पारण करें.

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