Holi 2019: कृष्ण जन्मभूमि मथुरा में धूम-धाम से मनाई गई होली, कान्हा के रंग में रंगे भक्त
20 मार्च को होलिका दहन के बाद 21 मार्च को होली मनाई जाएगी. लेकिन मथुरा में अभी से सभी लोग होली के रंग में रंगे हुए हैं. रंगभरनी एकादशी के मौके पर श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा में धूम-धाम से होली मनाई गई. यहां देश विदेश से कान्हा भक्त होली खेलने आए...
20 मार्च को होलिका दहन के बाद 21 मार्च को होली (Holi 2019) मनाई जाएगी. लेकिन मथुरा में अभी से सभी लोग होली के रंग में रंगे हुए हैं. रंगभरनी एकादशी के मौके पर श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा में धूम-धाम से होली मनाई गई. यहां देश विदेश से कान्हा भक्त होली खेलने आए. भक्त इस अवसर पर झूमकर नाचे और कान्हा भक्ति के गीत गाए. मथुरा की धरती पर होली खेलने के लिए लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी. कई भक्तों ने कृष्ण अवतार लेकर गोपियों के साथ होली खेली. कलाकारों ने मंच पर रसिया, होली गीत और और नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया.
होली के रंगों की बौछार के बीच रावल गांव से आए हुरियारे और हुरियारिनों ने लठमार होली खेली. तो वहीं छत से बड़ी-बड़ी पिचकारियों से रंग और गुलाल की वर्षा होने लगी. इन रंगों की वर्षा लगातार शाम तक होती रही और भक्त हर पल होली का आनंद लूटते रहे. राधा कृष्ण की झांकियां देखते ही बन रही थी, इन झाकियों ने भक्तों मन मोह लिया. मथुरा में जिस हर्षोल्लास से होली मनाई जाती है वो कहीं नहीं मनाई जाती. यहां होली मनाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और कृष्ण भक्ति से सराबोर होकर वापस लौटते हैं.
परंपरा के अनुसार होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन जलाई जाती है. ये त्योहार हिंदू धर्म में बहुत मायने रखता है. होली बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है. होली को लेकर हिंदू धर्म में कई कथाएं प्रचलित हैं और सभी में बुराई को खत्म करने के बाद जश्न मनाने के बारे में बताया गया है. होली से पहले होलिका दहन के दिन पवित्र अग्नि जलाई जाती जिसमें सभी तरह की बुराई, अंहकार और नकारात्मकता को जलाया जाता है.