Hartalika Teej 2024 Mehndi Designs: हरतालिका तीज पर हाथों की खूबसूरती में लगाएं चार चांद, रचाएं मेहंदी के ये आकर्षक डिजाइन्स
हरतालिका तीज में सोलह श्रृंगार का बहुत महत्व बताया जाता है, इसलिए महिलाएं सजने-संवरने के अलावा अपने हाथों और पैरों में मेहंदी रचाती हैं. अगर आप भी हरतालिका तीज का व्रत रख रही हैं और मेहंदी डिजाइन्स की तलाश में हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं हरतालिका तीज स्पेशल मेहंदी डिजाइन्स, जिन्हें आप आसानी से अपने हाथों में रचाकर उसकी सुंदरता में चार चांद लगा सकती हैं.
Hartalika Teej 2024 Mehndi Designs: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का व्रत किया जाता है. इस साल सुहागन महिलाएं 6 सितंबर 2024 को हरतालिका तीज का व्रत रख रही हैं. हरतालिका तीज को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है और इससे जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करना पड़ता है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल व्रत रखती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं मनचाहे साथी के लिए इस व्रत को करती हैं. इस व्रत को करने वाली महिलाएं सज-संवरकर और सोलह श्रृंगार करके प्रदोष काल में भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और माता पार्वती (Mata Parvati) की पूजा करती हैं, फिर अगले दिन सुबह फिर से पूजन करके अपने व्रत का पारण करती हैं.
हरतालिका तीज में सोलह श्रृंगार का बहुत महत्व बताया जाता है, इसलिए महिलाएं सजने-संवरने के अलावा अपने हाथों और पैरों में मेहंदी रचाती हैं. अगर आप भी हरतालिका तीज का व्रत रख रही हैं और मेहंदी डिजाइन्स की तलाश में हैं तो हम आपके लिए लेकर आए हैं हरतालिका तीज स्पेशल मेहंदी डिजाइन्स, जिन्हें आप आसानी से अपने हाथों में रचाकर उसकी सुंदरता में चार चांद लगा सकती हैं. यह भी पढ़ें: Simple Mehndi Designs 2024 Photos: हथेलियों की सुंदरता में लगाएं चार चांद, ट्राई करें ये सिंपल मेहंदी डिजाइन्स
हरतालिका तीज स्पेशल मेहंदी डिजाइन
शिव-पार्वती स्पेशल मेहंदी डिजाइन
तीज स्पेशल ट्रेडिशनल मेहंदी
हरतालिका तीज ईजी मेहंदी डिजाइन
तीज के लिए टॉप 4 मेहंदी डिजाइन
ऐसी मान्यता है कि इस व्रत का एक बार संकल्प लेने के बाद इसे आजीवन करना पड़ता है. हरतालिका तीज के दिन शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. शिव-पार्वती की पूजा के बाद रात्रि जागरण या फिर शिव-पार्वती मंत्रों का जप करना श्रेष्ठ माना जाता है. इस दिन सोलह श्रृंगार करके पूजन करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है, इसके साथ ही कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है.