
Dol Purnima 2024 Wishes in Bangla: पश्चिम बंगाल (West Bengal), असम (Assam) और ओडिशा (Odisha) में डोल पूर्णिमा (Dol Purnima) के पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे डोलयात्रा के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण (Bhagwan Shri Krishna) और राधा रानी (Radha Rani) के प्रेम को समर्पित पर्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को डोल पूर्णिमा यानी डोलयात्रा (Dol Yatra) का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन राधा कृष्ण की पूजा की जाती है और भजन-कीर्तन किए जाते हैं. इसी दिन रंगो वाली होली (Holi) का त्योहार भी मनाया जाता है और रंग-गुलाल से लोग होली खेलते हैं. इस साल उदयातिथि के अनुसार, डोल पूर्णिमा 25 मार्च 2024 को मनाई जा रही है.
बंगाली पंचांग के अनुसार, डोल पूर्णिमा के दिन होली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन राधा कृष्ण की पूजा करने के साथ ही लोग रंग-गुलाल लगाकर होली खेलते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप इन शानदार विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को भेजकर दोस्तों-रिश्तेदारों को डोल पूर्णिमा की प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.
বাতাসে বহিছে প্রেম,নয়নে লাগিলো নেশা
কারা যে ডাকিলো পিছে,
বসন্ত এসে গেছে
डोल पूर्णिमा 2024 (Photo Credits: File Image)রঙের উৎসবে মাতোয়ারা হয়ে উঠুক বিশ্ব ভুবন !! সকলকে জানাই দোলযাত্রার রঙিন শুভেচ্ছাडोल पूर्णिमा 2024 (Photo Credits: File Image)সকলের মন আনন্দে ভরে উঠুক , হৃদয় রঙিন হয়ে উঠুক খুশির রঙে।সকলকে জানাই দোল পূর্ণিমার আন্তরিক শুভেচ্ছা ও অভিনন্দন
डोल पूर्णिमा 2024 (Photo Credits: File Image)শুভ দোলযাত্রা ২০২৪डोल पूर्णिमा 2024 (Photo Credits: File Image)আবিরের রঙে রঙিন হয়ে উঠুক সকলের মন, প্রাণ এবং তনু । শুভ দোল পূর্ণিমার রঙিন শুভেচ্ছাडोल पूर्णिमा 2024 (Photo Credits: File Image)
गौरलतब है कि डोल पूर्णिमा का सनातन धर्म मे विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन बंगाल, असम और ओडिशा में धूमधाम से मनाए जाने वाले इस पर्व के दौरान डोलयात्रा निकाली जाती है. इस दिन राधा कृष्ण की प्रतिमा स्थापित करके भक्त भजन-कीर्तन करते हुए इस पर्व को मनाते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा के प्रति अपना स्नेह व्यक्त किया था, इसलिए लोग कृष्ण और राधा के पुनर्मिलन का जश्न उनकी सजी हुई मूर्तियों को झूलती हुई पालकी में घुमाकर मनाते हैं.