Hanuman Jayanti 2019: जानें बजरंग-बाण का रहस्य! बड़ी समस्याओं का राम-बाण साबित हो सकता है बजरंग-बाण

विद्वानों का मत है कि जप की शुरुआत करते हुए मन यह संकल्प अवश्य लें कि जब भी आपका कार्य पूरा होगा, आप हनुमान जी की सेवा में कुछ न कुछ अवश्य करेंगे. इस संकल्प के पश्चात आप हाथ में लाल रंग का पुष्प और अक्षत लेकर बजरंग बाण का पाठ प्रारंभ करें

बजरंगबली ( फाइल फोटो )

बजरंग-बाण हनुमान भक्तों का ऐसा कवच है, जो हनुमान भक्तों की बड़ी से बड़ी समस्याओं से रक्षा करता है. जब व्यक्ति गहरे संकट में हो, अथवा कोई अत्यंत अभिष्ट कार्य सिद्धी करना हो, तभी इसे करना चाहिए, राम भक्त हनुमान इसमें हुई त्रुटि को क्षमा नहीं करते. छोटी-मोटी समस्याओं में इसका प्रयोग निषेध बताया गया है. ज्योतिष के अनुसार बजरंग-बाण का पाठ मंगल-दोष की वजह से शादी में कोई व्यवधान आ रहा हो, या वैवाहिक जीवन में किसी तरह की दिक्कतें आ रही हैं, कोई बड़ी परीक्षा पास करना चाहते हैं तो बजरंग-बाण प्रभावशाली साबित हो सकता है. आइये जानें आखिर क्या है बजरंग-बाण, और कैसे करते हैं इसकी पूजा-अर्चना..

कब करें बजरंग-बाण का पाठ

किसी समस्या अथवा कष्ट विशेष से निवारण हेतु अगर बजरंग-बाण का पाठ करना है तो इसके लिए हनुमान जयंती सबसे बेहतर दिन होता है. इसके अलावा मंगलवार अथवा शनिवार को भी किया जा सकता है. मन में किसी तरह का संशय अथवा दुविधा हो तो किसी योग्य पुरोहित से सलाह मशविरा कर लेना आवश्यक है.

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पूजा-अर्चना का क्या है विधान

   प्रातःकाल उठकर सर्वप्रथम स्नान ध्यान करने के पश्चात लाल रंग के कपड़े पहनें. हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने कुश निर्मित आसन पर शांत चित्त के साथ बैठकर विधिवत ढंग से पूजा अर्चना करें. सर्वप्रथम ॐ हनुमंते नम: का जप करते हुए हनुमान जी को सिंदूर और लाल फूल चढ़ाएं. हनुमान जी की इस पूजा-अर्चना में दीपदान बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसका चमत्कारी प्रभाव होता है. पूजा से पूर्व 5 किस्म का अनाज (गेहूंचावलमूंगउड़द और काले तिल) की थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर गंगाजल में भिगो दें. पूजा वाले दिन इन्हें पीसकर इसके आटे से दीपक बनाएं. कच्चे सूत की बत्ती बनाकर लाल रंग में रंग लें. सूखने पर इन्हें दीपक में रखे तिल के तेल में डालकर प्रज्ज्वलित करें. जब तक पूजा की सारी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाए, दीपक जलते रहना चाहिए. दीपक के साथ गुगल या धूप बत्ती भी जलाकर रखें.   

 विद्वानों का मत है कि जप की शुरुआत करते हुए मन यह संकल्प अवश्य लें कि जब भी आपका कार्य पूरा होगा, आप हनुमान जी की सेवा में कुछ न कुछ अवश्य करेंगे. इस संकल्प के पश्चात आप हाथ में लाल रंग का पुष्प और अक्षत लेकर बजरंग बाण का पाठ प्रारंभ करें. बजरंग बाण के अनुरूप श्रीराम से शुरू कर सिद्ध करैं हनुमान तक का जाप एक ही बैठक में माला फेरते हुए करें.

बजरंग बाण ही क्यों?

हनुमान जी के बारे में मान्यता है कि वह शिव जी के अकेले ऐसे अवतारी महापुरुष हैं, जो आसानी से भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं, और उऩके दुखों को हर लेते हैं. यह पूजा शांत चित्त के साथ होती है, इसलिए अगर घर में पूजा की समुचित व्यवस्था नहीं है तो हनुमान जी के किसी भी मंदिर में जाकर यह पाठ करें. गौरतलब है कि देश के हर क्षेत्र में सबसे ज्यादा हनुमान मंदिर ही हैं. इसलिए हनुमान मंदिर आसानी से मिल जाता है. ध्यान रहे कि यह पूजा हनुमान जयंती और सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को विशेष फलदायी वाली होती है.

आवश्यक जानकारी

* दीप जलाना संभव नहीं हो पा रहा है तो मात्र 3 अगरबत्ती जलाकर भी पाठ कर सकते हैं.

* कुछ विद्वानों के अनुसार बिना धूप जलाये बजरंग-बाण के पाठ प्रभावहीन होता है.

* कोशिश करें कि शुद्ध घी से बना प्रसाद ही चढ़ाएं.

* पाठ पूर्ण आस्थाश्रद्धा और सेवा भाव से की जानी चाहिए. मन में कोई शंका या संदेह न रखें.

* महज हनुमान जी की शक्ति की आजमाइश के लिए पाठ नहीं करना चाहिए.

* अगर किसी व्यक्ति विशेष को हानि या कष्ट देने के उद्देश्य से पाठ कर रहे हैं, तो इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है.

* किसी भी ईश्वरीय शक्कि का इस्तेमाल जनहित, अथवा शुभ कार्य के उद्देश्य से ही करना चाहिए.

* बजरंग बाण का पाठ शांति के साथ करना चाहिए. जल्दी-जल्दी पाठ करना असरकारी नहीं होता है.

* बजरंग बाण का पाठ करने से ग्रहों का अशुभत्व पूरी तरह से शांत हो जाता है.

  विशेषः- किसी भी देवी-देवता की पूजा-अर्चना अपनी तरफ से पूरी निष्ठा, विधि-विधान और सच्चे मन से करना चाहिए, अभीष्ठ फल की प्राप्ति ईश्वर की मर्जी पर छोड़ देना चाहिए.

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