Guru Hargobind Sahib Ji Parkash Purab 2021 HD Images: गुरु हरगोबिंद साहिब जी के प्रकाश पर्व पर भेजें ये WhatsApp Stickers, Facebook Messages और GIF Greetings
गुरु हरगोबिंद साहिब जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर गुरुद्वारों में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है और गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया जाता है. इस खास अवसर पर सिख समुदाय के लोग एक-दूजे को शुभकामनाएं भी देते हैं. आप भी इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ इमेजेस को अपनों संग शेयर कर सकते हैं.
Guru Hargobind Sahib Ji Parkash Purab 2021 HD Images: आज सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व (Guru Hargobind Sahib Ji Parkash Purab) मनाया जा रहा है. नानक शाही पंचांग के अनुसार, गुरु हरगोबिंद सिंह जी (Guru Hargobind Sahib Ji) का जम्म 21 आषाढ़ (वदी 6) संवत 1652 (19 जून 1595) को अमृतसर के वडाली गांव में गुरु अर्जन देव के घर हुआ था. गुरु हरगोबिंद सिंह जी पहले ऐसे सिख गुरु थे, जिन्होंने भक्ति के साथ-साथ शक्ति का समन्वय स्थापित किया था. महज 11 साल की उम्र में सन 1606 में वे गुरु साहिब गुरुगद्दी पर आसीन हुए थे. गुरुगद्दी पर आसीन होने के बाद उन्होंने परंपरागत वेश के स्थान पर दो तलवारें धारण की और सिर पर दस्तार सजाकर राजाओं की तरह कलगी लगाई. उन्होंने खुद शस्त्र धारण किया और एक फौज का गठन भी किया, जिसमें बलिष्ठ और समर्पित जवानों को शामिल किया गया.
गुरु हरगोबिंद साहिब जी के प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर गुरुद्वारों में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है और गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया जाता है. इस खास अवसर पर सिख समुदाय के लोग एक-दूजे को शुभकामनाएं भी देते हैं. आप भी इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ इमेजेस को अपनों संग शेयर कर सकते हैं.
1- गुरु हरगोबिंद जी प्रकाश पर्व 2021
2- गुरु हरगोबिंद जी प्रकाश पर्व 2021
3- गुरु हरगोबिंद जी प्रकाश पर्व 2021
4- गुरु हरगोबिंद जी प्रकाश पर्व 2021
5- गुरु हरगोबिंद जी प्रकाश पर्व 2021
कहा जाता है कि एक बार जंगल में शिकार खेलते समय जब जहांगीर पर शेर ने हमला कर दिया था, तब अपनी शक्ति का परिचय देते हुए गुरु हरगोबिंद साहिब ने तलवार के एक वार से ही शेर के टुकड़े कर जहांगीर के प्राणों की रक्षा की थी. उन्हीं के कारण जहांगीर ने बंदी बनाए गए 52 स्थानीय राजाओं को रिहा किया था. गुरु हरगोबिंद जी का गुरुकाल 38 वर्षों का था, जिसमें सिख पंथ का काफी प्रचार-प्रसार किया गया. उन्होंने ही सिखों में वीरता का भाव भरा और उनमें धार्मिक सिद्धांतों के प्रति भावनाएं भरीं.