Govatsa Dwadashi/ Vasu Baras 2019 Wishes: गौ सेवा को समर्पित है गोवत्स द्वादशी, इन शानदार हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, Photo SMS, GIF Images के जरिए दें अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं
हर साल गोवत्स द्वादशी का पर्व कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे बछ बारस, वसु बारस भी कहा जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और गोवत्स द्वादशी की पूजा करती हैं. माना जाता है कि इस दिन गाय और बछड़े की पूजा करने से महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है.
Govatsa Dwadashi/ Vasu Baras 2019 Wishes In Hindi: आज धनतेरस (Dhanteras) के पावन त्योहार के साथ-साथ गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi) भी मनाई जा रही है. हर साल गोवत्स द्वादशी का पर्व कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे बछ बारस (Bach Baras), वसु बारस (vasu Baras) भी कहा जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और गोवत्स द्वादशी की पूजा करती हैं. माना जाता है कि इस दिन गाय और बछड़े की पूजा करने से महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसके अलावा संतान की अच्छी सेहत और उसकी लंबी उम्र के लिए भी यह व्रत किया जाता है. दरअसल, गौ माता यानी गाय को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, इसलिए कहा जाता है कि गौ सेवा और पूजन करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
गोवत्स द्वादशी के दिन गौ माता की सेवा की जाती है. इसके साथ ही इस दिन गाय और उसके बछड़े की पूजा की जाती है. इस शुभ अवसर पर आप अपने प्रियजनों को इन शानदार हिंदी वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस, जीआईएफ इमेजेस, विशेज और वॉलपेपर्स के जरिए गोवत्स द्वादशी यानी बछ बारस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- गो माता करतीं सदा, भव सागर से पार,
इनकी तुम सेवा करो, जीवन देंगी तार.
बछ बारस की हार्दिक शुभकामनाएं यह भी पढ़ें: गोवत्स द्वादशी 2019: संतान के लिए मां रखती हैं यह व्रत, गाय व बछड़े की होती है पूजा, जानें इसकी महात्म्य एवं व्रत-पूजा की विधि
2- गोबर करता है यहां, ईधन का भी काम,
गौ सेवा जिसने की, उसके हो गए चारों धाम.
बछ बारस की हार्दिक शुभकामनाएं
3- गायों की सेवा करो और बचाओ जान,
कान्हा आगे आएंगे, सुख की छतरी तान.
बछ बारस की हार्दिक शुभकामनाएं
4- घास-फूस खाकर करें, दूध-दही की रेज,
इसी वजह से सज रही, मिष्ठानों की सेज.
बछ बारस की हार्दिक शुभकामनाएं
5- गौ पाली तब ही बने, कान्हा जी गोपाल,
दूध-दही से वे करें, सबको मालामाल.
बछ बारस की हार्दिक शुभकामनाएं यह भी पढ़ें: Diwali 2019 Date & Full Scehdule: दिवाली कब है? जानिए धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन और भाई दूज की महत्वपूर्ण तिथियां
गौरतलब है कि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर महिलाएं अपने नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नान करती हैं और व्रत का संकल्प लेती हैं. इसके बाद शुभ मुहूर्त पर गाय और उसके बछड़े का पूजन किया जाता है. गाय को हरा चारा और रोटी सहित अन्य चीजें खिलाई जाती हैं. इस दिन कई जगहों पर गाय और बछड़े को सजाया जाता है. अगर गाय और बछड़ा नहीं मिल पाता है तो ऐसे में चांदी या मिट्टी से बने गाय व बछड़े की पूजा की जा सकती है.