Good Friday 2021: कब, क्यों और कैसे मनाते हैं गुड फ्रायडे का पर्व? जानें इस दिन कुछ लोग काले वस्त्र क्यों पहनते हैं?

मान्यता है कि प्रभु ईसा मसीह ने ज‍िस द‍िन अपने देह को त्यागा था, वह शुक्रवार का दिन था. यह जानकारी क्रिश्चियन समाज के पवित्र पुस्तक बाइबिल (Bible) में उल्लेखित है. इसलिए प्रभु यीशु जिसे ईसा मसीह भी कहते हैं की याद में 'गुड फ्राइडे' (Good Friday) का पर्व मनाया जाता है.

गुड फ्राइडे (Photo Credits: Pixabay)

मान्यता है कि प्रभु ईसा मसीह ने ज‍िस द‍िन अपने देह को त्यागा था, वह शुक्रवार का दिन था. यह जानकारी क्रिश्चियन समाज के पवित्र पुस्तक बाइबिल (Bible) में उल्लेखित है. इसलिए प्रभु यीशु जिसे ईसा मसीह भी कहते हैं की याद में 'गुड फ्राइडे' (Good Friday) का पर्व मनाया जाता है. दुनिया भर में इस पर्व को स्थानीय मान्यतानुसार भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है. कहीं इसे 'होली फ्राइडे'  (Holy friday) तो कहीं 'ग्रेट फ्राइडे' (Great friday) और कहीं 'ब्‍लैक फ्राइडे' (black Friday) भी कहते हैं. आइए जानते हैं इस पर्व को कैसे और क्यों मनाते हैं. इस वर्ष 2 अप्रैल के दिन गुड फ्रायडे मनाया जाएगा. यह भी पढ़ें: Good Friday 2020 Messages: गुड फ्राइडे पर प्रियजनों को भेजें ये हिंदी WhatsApp Stickers, GIF, Images, Wallpapers, SMS, Quotes और करें ईसा मसीह के बलिदान को याद

क्यों लटकाया गया था शूली पर यीशु को?

प्रभु यीशु युवावस्था से ही मानवता, भाईचारे और शांति का संदेश देने के लिए इधर-उधर भ्रमण करते और धर्म के नाम पर अंधविश्वास फैलाने वालों का विरोध करते थे. उनके उपदेशों से प्रभावित होकर उनके अनुयायियों और सुनने-मानने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा. बहुत से लोग उन्हें प्रभु मानने लगे थे. उनकी निरंतर बढ़ती लोकप्रियता और प्रभाव से भयभीत होकर तत्कालीन क्रूर एवं कट्टरपंथी शासक ने उन्हें मौत की सजा सुनाई और उन्हें सरेआम क्रूस पर लटकाकर मार दिया गया. मान्यता है कि प्रभु यीशु की आत्मा ने शुक्रवार के दिन अपना देह त्यागा था, इसीलिए क्रिश्चियन समाज के लोग शुक्रवार के दिन गुड फ्रायडे मनाते हैं. यद्यपि कुछ लोग इस दिन काला वस्त्र पहनकर काला दिवस के रूप में भी मनाते हैं. इसीलिए इस पर्व को 'गुड फ्रायडे' के अलावा 'ब्लैक फ्रायडे' या 'ईस्टर फ्रायडे' के नाम से भी संबोधित करते हैं. मान्यता है कि प्रभु यीशु अपने मृत्यु के तीसरे दिन बाद पुनर्जीवित हो गए थे. उस दिन रविवार था, जिसे क्रिश्चियन समाज ईस्टर डे (Easter day) के रूप में मनाता है.

कैसे निर्धारित होती है गुड फ्रायडे की तिथि?

ईस्टर से पूर्व पड़ने वाला यह पहला फ्राइडे होता है, जिसे गुड फ्राइडे कहते हैं. हिंदू कैलेंडर के चंद्र मास की तरह ही चर्च संबंधी चंद्र मास भी होते हैं, जो नए चंद्रमा यानि प्रतिपदा से ही आरंभ होता है. 8 मार्च से 5 अप्रैल के बीच जो नव चंद्रमा दिखाई देता है, उससे पास्का विषयक चंद्र मास का आरंभ होता है. इसी मास के तीसरे रविवार को ईस्टर यानि ईसा के पुनरोत्थान यानि पुनर्जिवित होने का पर्व मनाया जाता है, जो लगभग 40 दिनों तक सेलीब्रेट किया जाता है. ईस्टर से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को ही गुड फ्राइडे कहते हैं. पूर्ण चंद्रमा की तारीख तय करने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं.

कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे

इस वर्ष 2 अप्रैल (शुक्रवार) को गुड फ्रायडे सेलीब्रेट किया जाएगा. पवित्र सप्ताह का छठा दिन होता है गुड फ्राइडे. यह दिन 'पवित्र शुक्रवार', 'ब्लैक फ्रायडे' और 'ईस्टर फ्रायडे' के नाम से भी लोकप्रिय है. यह पर्व गुरुवार की शाम से शुरु होकर ईस्टर यानी रविवार को प्रभु यीशु की मृत्यु, दमन और पुनरुत्थान के उपलक्ष्य तक जारी रहता है. यह भी पढ़ें: Good Friday 2020 Hindi Messages: गुड फ्राइडे पर ईसा मसीह को करें याद, दोस्तों-रिश्तेदारों को Facebook, WhatsApp के जरिए भेजें ये हिंदी GIF Image, Photo SMS, HD Wallpapers और Quotes

ईसा मसीह को परमेश्वर का पुत्र माना जाता है, इसलिए उन्हें प्रभु यीशु के नाम से संबोधित किया जाता है. गुड फ्राइडे के दिन क्रिश्चियन समाज व्रत रखने के साथ-साथ प्रभु यीशु के उपदेशों का स्मरण कर उन्हें अपने जीवन में ढालने की कोशिश करते हैं. उनके बताए प्रेम, सत्य और विश्वास के मार्ग पर चलने की शपथ लेते हैं. भिन्न-भिन्न चर्चों में प्रार्थनाओंका आयोजन  होता है. देश के अधिकांश जगहों पर इस दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित होता है. इस दिन बहुत से लोग काले रंग के वस्त्र पहनकर प्रभु यीशु के बलिदान दिवस पर शोक भी मनाते हैं. इस दिन चर्चों में कैंडल जलाकर लोग मन्नतें भी मांगते हैं, और मन्नतें पूरी होने पर एक बार फिर इसी दिन कैंडल जलाते हैं

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