Geeta Jayanti Wishes 2020 in Hindi: मार्गशीर्ष के हिंदू महीने में शुक्ल एकादशी को गीता जयंती (Geeta Jayanti) पड़ती है. इसी दिन मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) भी कहते हैं यह दिन हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ श्रीमद भगवद-गीता के जन्म का प्रतीक है. गीता जयंती बहुत महत्व रखता है क्योंकि इस दिन को भगवद-गीता का जन्म दिन माना जाता है. इस साल गीता जयन्ती 25 दिसंबर को मनाया जा रहा है. जिसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और प्रभावशाली ग्रंथ माना जाता है. इसमें राजनीतिक, आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक, व्यावहारिक और दार्शनिक मूल्य शामिल हैं. इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसी दिन भगवान् कृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले कुरुक्षेत्र में अर्जुन का मोह भंग करने के लिए गीता का ज्ञान दिया था.
गीता जयंती भगवान कृष्ण के भक्तों द्वारा दुनिया भर में मनाई जाती है. भक्त इस दिन उपवास रखते हैं क्योंकि इस दिन को मोक्षदा एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन भजन और पूजा का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन गीता की मुफ्त प्रतियां वितरित करना बहुत शुभ है. दुनिया भर के इस्कॉन के मंदिरों में गीता जयंती का भव्य उत्सव मनाया जाता है. यहां भगवान कृष्ण को भगवद गीता का पाठकर और विशेष प्रसाद चढ़ा कर इस दिन मनाया जाता है. गीता जयन्ती पर लोग एक दूसरे को प्रवचन, भगवान कृष्ण के गीता के उपदेश, और श्लोक भेजकर शुभकामनाएं देते हैं. अगर आप भी अपने प्रियजनों को गीता जयन्ती की शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो नीचे दिए गए गीता के उपदेश और श्लोक भेजकर दे सकते हैं.
1. आत्मा न कभी जन्म लेती है और न मरती है.
शरीर का नाश होने पर भी इसका नाश नहीं होता
गीता जयंती की शुभकामनाएं!
2. शस्त्र इस आत्मा को काट नहीं सकते,
अग्नि इसको जला नहीं सकती,
जल इसको गीला नहीं कर सकता और
वायु इसे सुखा नहीं सकती.
गीता जयंती की शुभकामनाएं!
3. जो कुछ भी तू करता है,
उसे भगवान के अर्पण करता चल.
ऐसा करने से सदा जीवन-मुक्त का
आनंद अनुभव करेगा.
गीता जयंती की शुभकामनाएं!
4. क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो?
किससे व्यर्थ डरते हो?
कौन तुम्हें मार सक्ता है?
आत्मा न पैदा होती है,
न मरती है
गीता जयंती की शुभकामनाएं!
5. कर्म करना तो तुम्हारा अधिकार है,
लेकिन उसके फल पर कभी नहीं
कर्म को फल की इच्छा से कभी मत करो,
तथा तेरा कर्म ना करने में भी कोई आसक्ति न हो
गीता जयंती की शुभकामनाएं!
गीता जयंती का उत्सव पूरे देश में मनाया जाता है. लेकिन कुरुक्षेत्र में इसका भव्य उत्सव देखा जा सकता है. भारत भर के भक्त कुरुक्षेत्र में ब्रह्म सरोवर और सन्नहित (Sannihit Sarovar) सरोवर नामक पवित्र तालाबों में पवित्र स्नान करने के अनुष्ठान में भाग लेने के लिए एकत्रित होते हैं. गीता जयंती मनाने के लिए हर साल एक मेले का आयोजन किया जाता है, जो लगभग सात दिनों तक चलता है, जिसे गीता जयंती समरोह के नाम से जाना जाता है. इस दौरान यहां गीता पाठ, नृत्य प्रदर्शन, नाटक, भजन, आरती आदि मनाने के लिए हजारों लोग आते हैं.