Ganga Saptami 2023: कब मनायें गंगा सप्तमी 26 या 27 अप्रैल को? जानें इसका महत्व, मुहूर्त, पूजा-अनुष्ठान आरती इत्यादि!
सनातन धर्म में गंगा नदी को सबसे पावन एवं मोक्षदायनी नदी माना जाता है. पद्म पुराण के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी को ब्रह्माजी के कमंडल से मां गंगा का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन बड़ी धूमधाम से गंगा सप्तमी मनाई जाती है. मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा-स्नान करने वालों के सारे पाप मिट जाते हैं...
Ganga Saptami 2023: सनातन धर्म में गंगा नदी को सबसे पावन एवं मोक्षदायनी नदी माना जाता है. पद्म पुराण के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी को ब्रह्माजी के कमंडल से मां गंगा का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन बड़ी धूमधाम से गंगा सप्तमी मनाई जाती है. मान्यता है कि गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) के दिन गंगा-स्नान करने वालों के सारे पाप मिट जाते हैं. इस दिन जहां-जहां गंगा का प्रवाह है, वहां लोग गंगा में डुबकियां लगाते हैं, एवं गंगा पूजन आदि करते हैं. इस अवसर पर हरिद्वार में दिव्य शोभायात्रा निकाली जाती है. इस वर्ष 27 अप्रैल 2023, गुरूवार को गंगा सप्तमी मनाई जाएगी. आइये जानते हैं गंगा सप्तमी का महात्म्य, शुभ मुहूर्त एवं पूजा अनुष्ठान इत्यादि. यह भी पढ़ें: Laxmi Upay: कर्ज एवं दरिद्रता से मुक्ति तथा लक्ष्मी की कृपा-दृष्टि पाने के लिए करें ये आसान उपाय!
गंगा सप्तमी का महत्व
गंगा सप्तमी का उल्लेख पद्म पुराण और नारद पुराण में भी किया गया है. हमारे देश में गंगा एक पवित्र नदी ही नहीं, बल्कि माँ के रूप में भी पूजी जाती हैं. गंगा सप्तमी का यह पर्व गंगोत्री से हरिद्वार, ऋषिकेश, प्रयागराज, वाराणसी तथा गंगासागर में पूरी भक्ति और आस्था के साथ मनाया जाता है. इस अवसर पर गंगा आरती की दिव्यता देखते बनती है. मान्यता है कि इस दिन भक्त अपने अलावा जिसके भी नाम से गंगा में डुबकी लगाते हैं, उसे भी गंगा स्नान का पुण्य मिलता है. अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल से रिलेटेड समस्याएं रहती हैं, उसे गंगा सप्तमी को गंगास्नान के पश्चात गंगा तट पर मां गंगा की पूरी विधि-विधान के साथ पूजा अनुष्ठान कर दान धर्म करना चाहिए.
गंगा सप्तमी तिथि एवं गंगा स्नान का मुहूर्त
सप्तमी प्रांरभः 11.27 AM (26 अप्रैल 2023) से
सप्तमी समाप्तः 01.38 PM (27 अप्रैल 2023) तक
उदया तिथि के अनुसार गंगा सप्तमी का पर्व 27 अप्रैल 2023, गुरुवार को मनाया जायेगा.
गंगा स्नान का शुभ मुहूर्तः 05.02 से 01.50 PM तक
गंगा सप्तमी पर बन रहे हैं 3 शुभ योग
* विभिन्न पंचांगों के अनुसार इस वर्ष गंगा सप्तमी पर तीन बेहद शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन योगों में किये गये धार्मिक कार्य, देवी एवं देवताओं की पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है.
* गुरु पुष्य योग 07.00 AM (27 अप्रैल 2023) से अगले दिन 05.43 (28 अप्रैल 2023) तक रहेगा
* अमृत सिद्धि योग 07.00 AM (27 अप्रैल 2023) से 05.43 AM (28 अप्रैल 2023) तक रहेगा.
* सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. (27 अप्रैल 2023)
गंगा सप्तमी पर पूजा अनुष्ठान
गंगा सप्तमी पर सूर्योदय से पूर्व गंगा स्नान के पश्चात एक दोने (पत्तों से बना प्याला) में अक्षत, फूल रखकर उस पर दीप प्रज्ज्वलित कर गंगा नदी में छोड़ते हुए निम्न मंत्र का जाप करें.
गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं ।
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।।
पूजा के अंत में गंगा जी की आरती उतारें, और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं
माँ गंगा की आरती
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता।
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
चंद्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता।
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता।
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता।
यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता।
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
आरति मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता।
सेवक वही सहज में, मुक्ति को पाता।
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।