Ganga Saptami 2022 Messages in Hindi: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पापनाशिनी और मोक्षदायिनी मां गंगा (Maa Ganga) स्वर्गलोक से निकलकर भगवान शिव (Lord Shiva) की जटाओं में पहुंची थीं, इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) और गंगा जयंती (Ganga Jayanti) के नाम से जाना जाता है. भगवान शिव की जटाओं से निकलकर धरती पर मानव जाति का कल्याण करने के लिए अवतरित हुई मां गंगा सिर्फ एक पवित्र नदी नहीं है, बल्कि हिंदू धर्म में उनका खास महत्व बताया जाता है. आज यानी 8 मई 2022 को गंगा सप्तमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है. मान्यता है कि मां गंगा का जन्म भगवान विष्णु के पैरों से हुआ था और वो भगवान शिव की जटाओं में निवास करती हैं, इसलिए गंगा सप्तमी के पर्व को बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
माना जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन पतित पावनी गंगा नदी में अस्था की डुबकी लगाने से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. गंगा सप्तमी के पावन अवसर पर लोग एक-दूसरे के साथ शुभकामना संदेश शेयर करते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स और एचडी इमेजेस के जरिए अपनों को हैप्पी गंगा सप्तमी विश कर सकते हैं.
1- ऐ गंगा, तेरे गंगाजल से हो जाते हैं लोग पवित्र,
पर क्यों नहीं होते इससे लोगों के मन पवित्र,
अगर मिट जाए लोगों के मन से ईर्ष्या की मैल,
तो बन जाएगा इस देश में एक प्रेम का महल,
हैप्पी गंगा सप्तमी
2- हर-हर गंगे...!!
भारत माता के हृदय से निकल कर,
सभी पापों का नाश करने वाली,
पतित पावनी मां गंगा को शत-शत नमन.
हैप्पी गंगा सप्तमी
3- सुख और दुख जीवन के रंग हैं,
सब सही है अगर श्रद्धा संग है,
गंगा मैया के ध्यान में मलंग हैं,
हैपी गंगा सप्तमी कहने का ये नया ढंग है.
हैप्पी गंगा सप्तमी
4- हर दिन आपके जीवन में लाए,
सुख-शांति और समाधान,
पाप नाशिनी गंगा मैया को,
श्रद्धापूर्वक तहे दिल से प्रणाम...
हैप्पी गंगा सप्तमी
5- गंगा सप्तमी के इस पावन अवसर पर,
आप सभी पर गंगा मैया की असीम कृपा बनी रहे.
हैप्पी गंगा सप्तमी
प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, मां गंगा का अवतरण भगवान विष्णु के चरण कमलों से हुआ है, इसलिए उन्हें मुक्तिदायिनी और मोक्षदायिनी के तौर पर जाना जाता है. वहीं अन्य कथा के अनुसार, राजा भागीरथ के अथक परिश्रम और कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ब्रह्मा ने अपने कमंडल से प्रबल वेग से मां गंगा को स्वर्ग से धरती पर भेजा था, लेकिन उनके प्रचंड वेग को स्थिर करने के लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं पर धारण कर लिया और शिखा को खोलकर गंगोत्री नामक स्थान से मां गंगा को धरती पर भेजा, इसलिए उन्हे भागीरथी भी कहा जाता है.