Engineer's Day 2019: भारत के महान इंजीनियर विश्वेश्वरैया की याद में मनाया जाता है इंजीनियर्स डे, जानिए इस दिवस का महत्व

इंजीनियरों को सम्मान देने के लिए हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे यानी अभियंता दिवस मनाया जाता है. इस दिन भारत के महान इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल इंजीनियर्स डे एम विश्वेश्वरैया की जयंती पर उनकी याद में मनाया जाता है और इस साल उनका 158वां जन्मदिन है.

इंजीनियर्स डे 2019 (Photo Credits: Facebook/ Pixabay)

Engineer's Day 2019: जिस तरह से शिक्षक को सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाया जाता है, डॉक्टरों को सम्मान देने के लिए डॉक्टर्स डे (Doctors Day) मनाया जाता है. ठीक उसी तरह इंजीनियरों को सम्मान देने के लिए हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे यानी अभियंता दिवस (Engineer's Day) मनाया जाता है. इस दिन भारत के महान इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Mokshagundam Visvesvaraya) का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल इंजीनियर्स डे, एम विश्वेश्वरैया की जयंती (M Visvesvaraya Jayanti) पर उनकी याद में मनाया जाता है और इस साल उनकी 158वीं जयंती है. इंजीनियर्स डे तमाम इंजीनियरों के सम्मान में मनाया जाता है.

मानव जीवन में रचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए इस दिन इंजीनियर्स को बधाई दी जाती है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हमारे देश के युवाओं को इंजीनियरिंग करियर के प्रति प्रेरित करना और जिन इंजीनियरों ने देश के उत्थान और विकास में अपना योगदान दिया है उनकी सराहना करना है. इस दिन देशभर के इंजीनियरों के सम्मान में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

भारत के महान इंजीनियर थे एम विश्वेश्वरैया

भारत के महान इंजीनियर विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1860 को मैसूर रियासत (कर्नाटक) में हुआ था.उनके पिता श्रीनिवास शास्त्री संस्कृत विद्वान और आयुर्वेदिक चिकित्सक थे. उनकी माता एक धार्मिक महिला थीं. विश्वेश्वरैया ने चिकबल्लापुर से प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए बैंग्लोर चले गए. साल 1881 में उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी के सेंट्रल कॉलेज, बैंग्लोर से बीए की परीक्षा पास की. इंजीनियरिंग की परीक्षा पास करने के बाद मैसूर सरकार से उन्हें मदद मिली और उन्होंने पुणे के साइंस कॉलेज में इंजीनियरिंग के लिए दाखिला लिया. इसके बाद वो महाराष्ट्र सरकार में नासिक में सहायक इंजीनियर के पद पर नियुक्त हुए.

कहलाते थे मॉडर्न मैसूर स्टेट के पिता

विश्वेश्वरैया को मॉडर्न मैसूर स्टेट का पिता भी कहा जाता था. उन्होंने जब मैसूर सरकार के साथ काम किया, तब उन्होंने वहां मैसूर सोप फैक्ट्री, परजीवी प्रयोगशाला, मैसूर आयरन एंड स्टील फैक्ट्री, श्री जयचमराजेंद्र पॉलिटेक्निक संस्थान, बैंग्लोर एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, सेंचुरी क्लब, मैसूर चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड यूनिवर्सिटी, विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की स्थापना करवाई. इसके अलावा सर एमवी के नाम से मशहूर विश्वेश्वरैया के प्रयासों की बदलौत ही कृष्णराज सागर बांध, खड़कवासला जलाशय बांध जैसे कई बांध बनाए गए.

मैसूर रियासत के बनाए गए दीवान

उन्हें नवंबर 1909 में मैसूर राज्य का मुख्य इंजीनियर बना दिया गया था और उसके बाद साल 1912 में विश्वेश्वरैया जी को मैसूर रियासत का दीवान बना दिया गया. इस पद पर वे सात सालों तक बने रहे और उसके बाद 1918 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मैसूर के राजा कृष्णराजा वोदेयार की मदद से मैसूर राज्य के विकास के लिए अनकों कार्य किए. जब वो मैसूर के दीवान थे तब वहां स्थित स्कूलों की संख्या 4,500 से बढ़कर 10,500 हो गई. इसके साथ ही छात्रों की संख्या भी 1,40,000 से बढ़कर 3,66,000 तक पहुंच गई. उनके प्रयासों के कारण ही मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई जो देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है. यह भी पढ़ें: Teachers Day 2019: शिक्षक दिवस पर जानें डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन से जुड़ीं कुछ खास बातें

विश्वेश्वरैया को मिला था भारत रत्न सम्मान

भारत के इस महान इंजीनियर को उनके अहम योगदान के लिए साल 1955 में भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा लंदन इंस्टीट्यूशन सिविल इंजीनियर्स की तरफ से भी उन्हें सम्मान दिया गया था. विश्वेश्वरैया जी को देश के आठ अलग-अलग इंस्टीट्यूट के द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया. उनके 100वें जन्मदिवस पर भारत सरकार ने उनके सम्मान में स्टैप जारी किया. इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान देने वाले विश्वेश्वरैया का निधन 14 अप्रैल 1962 को हुआ था.

इंजीनियर्स डे का महत्व

देश के वैज्ञानिक हो या इंजीनियर देश के विकास में उनका अहम योगदान होता है, इसलिए उनके सम्मान में साल का एक दिन उन्हें समर्पित किया जाता है. इंजीनियरों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद देने और उनका सम्मान करने के लिए इंजीनियर्स डे मनाया जाता है. वैसे तो दुनिया के विभिन्न देशों में इंजीनियर्स डे अलग-अलग दिन मनाया जाता है, लेकिन भारत में हर साल महान इंजीनियर सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती पर उन्हें याद करने और उन्हें श्रद्धांजिल देने के लिए 15 सितंबर को इंजीनियर डे मनाया जाता है.

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