22 May, 19:41 (IST)

केरल और कर्नाटक में आज चांद नहीं दिखा है. इसलिए अब ईद-उल-फित्र 24 मई रविवार को मनाई जाएगी.

22 May, 19:26 (IST)

केरल और कर्नाटक में हिलाल समितियां चांद के संबंध में अंतिम घोषणा करेंगे. चांद दिखने के अगले दिन ईद-उल-फ़ित्र मनाई जाएगी.

22 May, 19:21 (IST)

केरल और कर्नाटक में यदि आज चांद नहीं दिखा तो ईद-उल-फित्र 24 मई रविवार को मनाई जाएगी.

22 May, 19:12 (IST)

देश के अन्य राज्यों के विपरीत, केरल और कर्नाटक में रमजान 24 अप्रैल से शुरू हुआ था. इसलिए दोनों दक्षिणी राज्यों में मुसलमान चांद देखने का प्रयास कर रहे है.

22 May, 19:00 (IST)

केरल और कर्नाटक में हिलाल समितियां जल्द ही चाँद को देखने के लिए अंतिम आह्वान करेंगी. जिसके बाद भारत के दो दक्षिणी राज्यों में ईद त्योहार की तारीख तय हो जाएगी.

22 May, 18:51 (IST)

केरल और कर्नाटक में हिलाल समितियाँ चाँद की तलाश करेंगी. आज चांद के दीदार के साथ ही रमजान का पाक महिना खत्म हो जाएगा.

Eid Moon Sighting 2020 in Kerala and Karnataka: केरल और कर्नाटक के मुसलमान आज शाम ईद का चांद देखने का प्रयास करेंगे. जिसे चांद रात के नाम से भी जाना जाता है. अगर आज चांद का दीदार होता है, तो पवित्र रमजान महीना समाप्त हो जाएगा. इसके बाद ईद-अल-फितर त्योहार की शुरुआत होती है. चांद दिखने पर केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में कल (23 मई) ईद का त्योहार मनाया जाएगा. अगर आज लोगों को चांद नहीं दिखता है तो ईद-उल-फितर के लिए एक दिन का इंतजार बढ़ जाएगा. यानि फिर 24 मई को मनाया जाएगा.

खाड़ी देशों में इस मुक़द्दस महीने की शुरुआत सबसे पहले होती है. इसके बाद ही भारत में पहला रोजा रखा जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के तहत, नया महीना चांद को देखकर शुरू होता है. यदि आज चांद नहीं देखा जाता है, तो महीने के 30 दिन पूरे होंगे और ईद रविवार को मनाई जाएगी. शेष भारत के विपरीत, केरल और कर्नाटक में रमजान 24 अप्रैल से शुरू हुआ था. इसलिए, दो दक्षिणी राज्यों में मुसलमान आज रमजान के 29 वें रोजे का पालन कर रहे हैं और आज शाम को चांद देखने का प्रयास करेंगे. सऊदी अरब में आज ईद के चांद के दीदार की कोशिश करेंगे लोग

भारत में केरल और कर्नाटक के अन्य राज्यों के बीच रमजान की शुरुआत में अंतर भौगोलिक कारणों की वजह से है. केरल और कर्नाटक में हिलाल समितियां चांद के संबंध में अंतिम घोषणा करेंगे. चांद दिखने के अगले यानि रमजान के पूरे महीने रोजे रखने के बाद 1 शवाल को ईद-उल-फित्र मनाई जाती है.