Eid-e-Milad un Nabi 2019 Mehndi Designs: ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के खास मौके पर अपने हाथों में रचाएं मेहंदी, देखें लेटेस्ट अरेबिक मेहंदी डिजाइन्स
ईद-ए-मिलाद के मुबारक मौके पर घर में लजीज पकवान बनाए जाते हैं, एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी जाती है और महिलाएं इस उत्सव को मनाने के लिए अपने हाथों में मेहंदी रचाना पसंद करती हैं. ईद-ए-मिलाद के इस मुबारक मौके पर आप भी अपने हाथों में अरेबिक मेहंदी के खूबसूरत डिजाइन्स बनाकर हाथों की खूबसूरती को निखार सकती हैं.
Eid-e-Milad un Nabi 2019 Mehndi Designs: ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-e-Milad un Nabi) को मवालीद अल-नबी-अल शरीफ (Mawlid al-Nabi al-Sharif) भी कहा जाता है. पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब (Prophet Hazrat Muhammad) के जन्मदिवस के तौर पर मनाया जाने वाला ईद-ए-मिलाद का त्योहार इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के तीसरे महीने 'रबी अल अव्वल' (Rabi' al-awwal) में पड़ता है. चांद के दीदार के बाद ईद-ए-मिलाद का त्योहार 9 नवंबर की शाम से शुरू हो जाएगा और अगले दिन 10 नवंबर तक मनाया जाएगा. ईद-ए-मिलाद मुस्लिम धर्म में मनाए जाने वाले बड़े त्योहारों में से एक है, लेकिन इसे लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों में अलग-अलग मत है. इस त्योहार को ज्यादातर इस्लामिक देशों में मनाया जाता है. इसके अलावा जिन देशों में मुसलमानों की आबादी ज्यादा है उन देशों में भी इस त्योहार को मनाया जाता है.
ईद-ए-मिलाद के मुबारक मौके पर घर में लजीज पकवान बनाए जाते हैं, एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी जाती है और महिलाएं इस उत्सव को मनाने के लिए अपने हाथों में मेहंदी रचाना पसंद करती हैं. ईद-ए-मिलाद के इस मुबारक मौके पर आप भी अपने हाथों में अरेबिक मेहंदी के खूबसूरत डिजाइन्स बना सकें, इसलिए हम लेकर आए हैं अरेबिक मेहंदी के लेटेस्ट और आकर्षक डिजाइन्स, जिन्हें आप आसानी से अपने हाथों में रचा सकती हैं.
अरेबिक मेहंदी का लेटेस्ट और स्टाइलिश डिजाइन-
हर तरह के इंडियन आउटफिट के लिए परफेक्ट डिजाइन
कॉइन और ईयरबड से बनाएं डॉट वाली मेहंदी
फुल हैंड स्टाइलिश अरेबिक मेहंदी डिजाइन
ईद-ए-मिलाद के लिए खूबसूरत अरेबिक मेहंदी डिजाइन
हमें यकीन है कि अरेबिक मेहंदी के ये डिजाइन आपको बेहद पसंद आए होंगे और आप इन डिजाइन्स को ईद-ए-मिलाद के मुबारक मौके पर जरूर ट्राई करना चाहेंगी. गौरतलब है कि इस दिन पैगंबर मोहम्मद हजरत साहब को याद किया जाता है, जुलूस निकाले जाते हैं, इस्लाम का सबसे पवित्र ग्रंथ कुरान पढ़ा जाता है. इसके अलावा लोग मक्का-मदीना और दरगाहों पर जाकर नमाज अदा करते हैं.