Eid al-Adha 2024 Mubarak Wishes: ईद-उल-अजहा मुबारक! अपनों संग शेयर करें बकरीद के ये हिंदी Quotes, WhatsApp Messages और Facebook Greetings
त्याग और कुर्बानी के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व पर बकरे सहित कुछ अन्य जानवरों की कुर्बानी दी जाती है. इस दिन लोग ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करके एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप भी बकरीद के इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को अपनों संग शेयर कर उन्हें ईद-उल-अजहा मुबारक कह सकते हैं.
Eid al-Adha 2024 Mubarak Wishes in Hindi: इस्लाम धर्म में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में शुमार बकरीद का पर्व दुनियाभर में धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे रमजान ईद (Ramzan Eid) यानी मीठी ईद के करीब 70 दिन बाद सेलिब्रेट किया जाता है. बकरीद को ईद-उल-अजहा (Eid-al-Adha), बकरा ईद (Bakra Eid) और कुर्बानी ईद (Qurbani Eid) जैसे नामों से जाना जाता है. दरअसल, इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के 12वें यानी आखिरी महीने धू-अल-हिज्जाह के चांद का दीदार होने के दसवें दिन बकरीद मनाई जाती है. भारत में 17 जून 2024 को पूरे देश में बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा. बकरीद को कुर्बानी का त्योहार कहा जाता है और इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है. दुनिया भर के मुसलमानों के लिए मोहम्मद पैगंबर के त्याग और कुर्बानी का ये पर्व काफी खास माना जाता है.
ईद-उल-अजहा यानी बकरीद के दिन को कुर्बानी के तौर पर मनाया जाता है. त्याग और कुर्बानी के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व पर बकरे सहित कुछ अन्य जानवरों की कुर्बानी दी जाती है. इस दिन लोग ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करके एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं. ऐसे में इस खास अवसर पर आप भी बकरीद के इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को अपनों संग शेयर कर उन्हें ईद-उल-अजहा मुबारक कह सकते हैं.
ईद-उल-अजहा से जुड़ी एक प्रचलित कथा के अनुसार, इस दिन अल्लाह ने पैगंबर इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए उनसे उनकी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने को कहा था, जिसके बाद पैगंबर इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने का फैसला किया, जिससे वो बेहद प्यार करते थे. जैसे ही वो अपने बेटे को कुर्बान करने जा रहे थे, वैसे ही अल्लाह ने उनके बेटे की जगह कुर्बानी को बकरे में बदल दिया. यही वजह है कि इस दिन इस्लाम धर्म के लोग बकरे की कुर्बानी देकर इस पर्व को मनाते हैं और कुर्बानी के गोश्त को रिश्तेदारों, दोस्तों व पड़ोसियों में बांटते हैं.