Diwali 2025 Rangoli Ideas: मनमोहक रंगोली से बढ़ाएं दिवाली की रौनक, मुख्य द्वार पर बनाएं ये खूबसूरत डिजाइन्स
दिवाली पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए साफ-सफाई करके घर को सजाया जाता है और घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है. मनमोहक रंगोली से न सिर्फ पर्व की शुभता बढ़ती है, बल्कि माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं, इसलिए हर कोई अपने घर के मुख्य द्वार को सुंदर रंगोली से सजाता है. ऐसे में आप भी मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए रंगोली के इन मनमोहक डिजाइन्स से अपने घर-आंगन को सजा सकते हैं.
Diwali 2025 Rangoli Ideas: अंधकार पर प्रकाश की जीत के पर्व दिवाली (Diwali) का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. दीयों के पर्व दिवाली को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है और लोग कई दिन पहले से ही इसकी तैयारियों में जुट जाते हैं. पांच दिनों तक मनाए जाने वाले दिवाली उत्सव (Diwali Utsav) की शुरुआत 18 अक्टूबर 2025 को धनतेरस (Dhanteras) से हो रही है, जबकि इसका समापन 23 अक्टूबर 2025 को भाई दूज (Bhai Dooj) के साथ होगा. पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण पर्व दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) होता है. इस साल दीपावली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जा रही है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस दिन प्रदोष काल के स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है.
दिवाली पर मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए साफ-सफाई करके घर को सजाया जाता है और घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है. मनमोहक रंगोली से न सिर्फ पर्व की शुभता बढ़ती है, बल्कि माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं, इसलिए हर कोई अपने घर के मुख्य द्वार को सुंदर रंगोली से सजाता है. ऐसे में आप भी मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए रंगोली के इन मनमोहक डिजाइन्स से अपने घर-आंगन को सजा सकते हैं.
दीये वाली खूबसूरत रंगोली
कलश और स्वास्तिक वाली सुंदर रंगोली
दिवाली के लिए स्पेशल कलश वाली रंगोली
दीयों के पर्व दिवाली के लिए मनमोहक रंगोली
दिवाली सेलिब्रेशन के लिए आसान रंगोली
गौरतलब है कि पांच दिवसीय दिवाली उत्सव के हर एक दिन का विशेष महत्व बताया जाता है, इसलिए इसके हर एक दिन की शुभता को बढ़ाने के लिए लोग अपने घर-आंगन को दीयों की रोशनी से रोशन करने के साथ-साथ मनमोहक रंगोली से सजाते हैं. खासकर, दीपावली यानी लक्ष्मीपूजन के दिन माता लक्ष्मी- भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि अमावस्या तिथि को प्रदोष काल और स्थिर लग्न में पूजा करने से मां लक्ष्मी घर पर अंश रूप में स्थिर होकर ठहर जाती हैं.