Diwali Padwa 2022 Wishes & Images: दिवाली पड़वा की इन WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photos, HD Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
दिवाली पड़वा 2022 (Photo Credits: File Image)

Diwali Padwa 2022 Wishes & Images: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) का त्योहार मनाए जाने के बाद अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन महाराष्ट्र (Maharashtra) में दिवाली पड़वा (Diwali Padwa) का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. पांच दिवसीय दिवाली उत्सव को चौथे दिन जहां गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का त्योहार मनाया जाता है तो वहीं कई जगहों पर बलि प्रतिपदा (Bali Pratipada) मनाई जाती है, जबकि महाराष्ट्र में इसे दिवाली पड़वा के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर असुर राजा बलि से तीन पग भूमि की मांग की थी, राजा बलि द्वारा अनुमति दिए जाने पर उन्होंने दो पग में ब्रह्मांड और पृथ्वी को माप लिया, जबकि अपना तीसरा पग उन्होंने राजा बलि के सिर पर रखा, जिससे असुर राजा सीधे पाताल लोक जा पहुंचे. हालांकि उन्होंने राजा बलि को साल में तीन दिन के लिए भुलोक यानी पृथ्वी पर आने की अनुमति दी थी, इसलिए लक्ष्मी पूजन के अगले दिन को बलि प्रतिपदा या बलि पूजा के नाम से भी जाना जाता है.

दिवाली पड़वा के त्योहार की महाराष्ट्र में अनूठी झलक देखने को मिलती है, यहां इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भेजकर पर्व की बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी इन शानदार विशेज, इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटोज और एचडी वॉलपेपर्स को भेजकर अपनों को दिवाली पड़वा की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- दिवाली पड़वा की शुभकामनाएं

दिवाली पड़वा 2022 (Photo Credits: File Image)

2- दिवाली पड़वा की हार्दिक बधाई

दिवाली पड़वा 2022 (Photo Credits: File Image)

3- दिवाली पड़वा 2022

दिवाली पड़वा 2022 (Photo Credits: File Image)

4- हैप्पी दिवाली पड़वा

दिवाली पड़वा 2022 (Photo Credits: File Image)

5- शुभ दिवाली पड़वा

दिवाली पड़वा 2022 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि दिवाली पड़वा के दिन को बेहद शुभ माना जाता है, इसलिए आर्थिक नजरे से व्यापारी इस दिन को अपने व्यापार के  लिए नए साल की शुरुआत के तौर पर मनाते हैं. इस दिन लोग सोना खरीदते हैं, सुहागन महिलाएं अपने पति की आरती उतारती हैं, रात में जमकर आतिशबाजी की जाती है. इस दिन उत्तर भारत में लोग पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य जैसे कर्म करते हैं.