Chhatrapati Sambhaji Maharaj Balidan Din 2021 Images: छत्रपती संभाजी महाराज बलिदान दिन पर ये मराठी ग्रीटिंग्स भेजकर दें बधाई
संभाजी महाराज बलिदान दिवस, (फोटो क्रेडिट्स: फाइल फोटो)

Chhatrapati Sambhaji Maharaj Balidan Din 2021 Images: महान मराठा योद्धा राजा शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) के बड़े बेटे छत्रपति संभाजी (Chhatrapati Sambhaji Maharaj ) राजे भोसले का जन्म 14 मई, 1657 को हुआ था. वे छत्रपति शिवाजी और उनकी पहली पत्नी साईबाई के सबसे बड़े बेटे थे. जब वह केवल दो वर्ष के थे तब उनकी मां की मृत्यु हो गई और उनका पालन-पोषण उनकी दूसरी धर्मपत्नी जीजाबाई ने किया. हर साल 11 मार्च को संभाजी बालिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है, यही वह दिन है जब छत्रपति संभाजी राजे भोसले की मृत्यु मुगल राजा औरंगजेब के निर्देश पर दो सप्ताह से अधिक समय तक यातनाएं सहने के बाद हुई थी. 'स्वराज' और स्व-शासन की स्थापना के लिए उन्होंने अपने जीवन का अंतिम बलिदान दे दिया.

संभाजी को एक महान राजा और योद्धा माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि संभाजी ने 150 से अधिक लड़ाइयां लड़ीं और एक भी नहीं हारी. एक महान योद्धा होने के साथ-साथ, संभाजी महान गुणों के व्यक्ति भी थे. संभाजी की मृत्यु औरंगजेब ने बहुत ही क्रूर तरीके से की थी, लेकिन यह उनके साहस और चरित्र को भी दर्शाता है. औरंगजेब ने संभाजी और उनके सलाहकार कवि कलश को पकड़ लिया. उन्हें अपमानित किया और उन्हें जोकर के कपड़े पहनने के लिए मजबूर किया था. औरंगजेब ने मौत से पहले संभाजी महाराज को बहुत सी यातनाएं दी थीं. इसलिए इतिहास में उनके शौर्य और सहस को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. लोग उनके साहस को याद करते हाँ और देश के लिए दिए गए उनके बलिदान को याद कर उनका नमन करते हैं. संभाजी महाराज बलिदान दिवस पर हम आपके लिए ले आए हैं कुछ ग्रीटिंग्स जिन्हें भेजकर आप बढ़िया दे सकते हैं.

छत्रपती शंभुराजे महाराज बलिदान दिन (Photo Credits-File Image)
छत्रपती शंभुराजे महाराज बलिदान दिन (Photo Credits-File Image)
छत्रपती शंभुराजे महाराज बलिदान दिन (Photo Credits-File Image)
छत्रपती शंभुराजे महाराज बलिदान दिन (Photo Credits-File Image)
छत्रपती शंभुराजे महाराज बलिदान दिन (Photo Credits-File Image)
छत्रपती शंभुराजे महाराज बलिदान दिन (Photo Credits-File Image)

छत्रपति संभाजी महाराज का पराक्रम ऐसा था कि उनका नाम सुनते ही सभी मुगल सेना कांप उठती थी. संभाजी के घोड़े की आवाज सुनते ही मुगल सैनिकों के हाथों से हथियार गिरने लगते थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में कोई लड़ाई नहीं हारी थी. छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद भी संभाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज जारी रखा. हमारी ओर से आप सभी को संभाजी महाराज बलिदान दिवस की बधाई!