Chhath Puja 2024 Bhojpuri Messages: छठ पर्व के हार्दिक शुभकामना! प्रियजनों संग शेयर करें ये भोजपुरी Quotes, WhatsApp Wishes और GIF Greetings
भगवान सूर्य देव और छठ मैया की उपासना के इस पर्व को संतान की लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और उनके उज्जवल भविष्य की कामना से किया जाता है. इसे सबसे कठिन व्रत माना जाता है, जो करीब 36 घंटे तक चलता है. इस अवसर पर लोग भोजपुरी शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं. ऐसे में आप भी इन शानदार भोजपुरी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को प्रियजनों संग शेयर कर सकते हैं.
Chhath Puja 2024 Messages in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा (Chhath Puja) का मुख्य पर्व मनाया जाता है और आज (07 नवंबर 2024) छठ पूजा का मुख्य पर्व मनाया जा रहा है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, छठ पूजा के चार दिवसीय त्योहार को कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से कार्तिक शुक्ल सप्तमी तक मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा के दौरान सूर्य देव (Surya Dev) और छठ मैया (Chhath Maiya) की उपासना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन लोहंडा खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन ऊषा अर्घ्य शामिल है. इस पर्व का समापन ऊषा अर्घ्य के साथ 8 नवंबर 2024 को हो रहा है.
ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य देव और छठ मैया की उपासना के इस पर्व को संतान की लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और उनके उज्जवल भविष्य की कामना से किया जाता है. इसे सबसे कठिन व्रत माना जाता है, जो करीब 36 घंटे तक चलता है. इस अवसर पर लोग भोजपुरी शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं. ऐसे में आप भी इन शानदार भोजपुरी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को प्रियजनों संग शेयर कर सकते हैं.
चार दिवसीय छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के समय डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा की जाती है. इस दौरान गलती से चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इस पूजा में मिट्टी के चूल्हे और पीतल के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. कहा जाता है कि इस व्रत के दौरान सूर्य को अर्घ्य दिए बिना किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए और जमीन पर ही सोना चाहिए. इस व्रत का प्रसाद बेहद पवित्र होता है, इसलिए इसे बनाते समय गलती से भी इसे जूठा नहीं करना चाहिए. प्रसाद को बनाते हुए स्वच्छता का खास तौर पर ख्याल रखा जाता है.