पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ में गंगा तट पर उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर और व्रतियों को भागवान भास्कर के अघ्र्य देने की सुविधा के लिए प्रशासन छठ घाटों को तैयार करने में जुटा है. इस दौरान पटना के 22 घाटों को खतरनाक घोषित कर दिया गया है. पटना के 38 तालाबों को भी छठव्रत के लिए तैयार किया जा रहा है. पटना में बारिश और गंगा में आई बाढ़ के बाद प्रशासन को छठ घाट तैयार करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. जिला प्रशासन ने पटना के 22 छठ घाटों को खतरनाक घेषित करते हुए उसे लाल कपडों से घेर दिया है. कई घाटों में जाने के लिए दलदल को देखते हुए बालू डालकर रास्ता बनाए जा रहे हैं. पटना जिला के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दानापुर से लेकर पटना सिटी तक 90 से अधिक घाटों को छठ व्रतियों के लिए तैयार किया जा रहा है.
वहीं गंगा तट पर घाट बनाने की तैयारी चल रही है और कुछ जगहों पर व्रतियों की सुविधा को सीढ़ीनुमा घाट भी बनाए गए हैं। नदी में अधिक पानी वाले क्षेत्रों में बैरिकेडिंग की जा रही है. वैसे, कुछ घाटों तक पुहंचना अभी भी आसान नहीं दिख रहा है. कई घाटों तक जाने के लिए अभी भी रास्ते में दलदल की स्थिति बनी हुई है. उल्लेखनीय है कि पटना में गंगा तट पर छठ व्रत को लेकर शाम और सुबह श्रद्घालुओं का जनसैलाब उमड़ता है। इस वर्ष चार दिवसीय छठ पर्व 31 अक्टूबर को नहाय-खाय से प्रारंभ होगा.एक नवंबर को व्रतियां खरना करेंगी, जबकि दो नवंबर को सांध्यकालीन अघ्र्यदान और तीन नवंबर को प्रात:कालीन अघ्र्यदान किया जाएगा. यह भी पढ़े: Chhath Puja 2019: नहाय-खाय के साथ 31 अक्टूबर से शुरू हो रहा है सूर्य की उपासना का पर्व, जानें छठ पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व
पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय अग्रवाल ने बताया कि पटना, रोहतास बक्सर, भोजपुर, कैमूर और नालंदा जिले में छठ व्रत के मद्देनजर गंगा सहित अन्य नदियों के घाटों पर एनडीआरएफ, एसडीआरफ और स्थानीय गोताखोरों को तैनात किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में गंगा घाट की मरम्मत करने का कार्य अंतिम चरण में है। गंगा किनारे सफाई, रौशनी, यातायात और शांति व्यवस्था के लिए संबंधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. इधर, पटना में 38 तालाबों को भी छठ पूजा को लेकर तैयार किया जा रहा है. पटना में बड़ी संख्या में लोग स्थानीय तालाबों में छठ पूजा करते हैं। पटना के नगर आयुक्त अमित कुमार पांडेय ने बताया कि सभी कार्यपालक पदाधिकारियों को तालाबों की साफ-सफाई और बैरिकेडिंग का काम करने कके निर्देश दिए गए हैं.