Chandra Shekhar Azad Jayanti 2021 Quotes: चंद्र शेखर आजाद की 115वीं जयंती आज, उनके ये क्रांतिकारी विचार दिलों में जगाते हैं देशभक्ति का अलख
चंद्र शेखर आजाद जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

Chandra Shekhar Azad Jayanti 2021 Quotes: भारत के महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्र शेखर (Chandra Shekhar Azad) आजाद की आज 115वीं जयंती (Chandra Shekhar Azad 115th Birth Anniversary) मनाई जा रही है. उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश (Mashya Pradesh) के झाबुआ (Jhabua) स्थित भाबरा गांव में एक सनातनधर्मी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम सीताराम तिवारी था जो एक प्रकांड पंडित थे और उनकी माता जगरानी देवी एक गृहिणी थीं. आजाद को बचपन में चंद्र शेखर सीताराम तिवारी के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन बाद में उन्होंने अपने नाम के साथ आजाद जोड़ लिया था. भारत मां के वीर सपूत चंद्र शेखर आजाद के मन में छोटी सी उम्र से ही ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियों और उनकी क्रूरता के खिलाफ विद्रोह की भावना जागने लगी थी.

चंद्र शेखर आजाद ने साल 1921 में अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया, उस दौरान उनकी उम्र महज 15 साल थी. आजादी के इस क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी ने यह प्रण लिया था कि वे कभी भी जिंदा पुलिस के हाथ नहीं लगेंगे. चंद्र शेखर आजाद की वीरगाथा आज भी देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है. आप भी उनकी 115 वीं जयंती पर उनके इन क्रांतिकारी विचारों को अपनों संग शेयर कर सकते हैं जो देशभक्ति का अलख जगाते हैं. यह भी पढ़ें: Chandrasekhar Azad 90th Death Anniversary: चंद्रशेखर आजाद की 90वीं पुण्य-तिथि पर विशेष, जानिए इनके जीवन के 10 अनछुए एवं रोमांचकारी सत्य!

1- मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा घर जेल है.

चंद्र शेखर आजाद जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

2- दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं और आजाद ही रहेंगे.

चंद्र शेखर आजाद जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

3- मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है.

चंद्र शेखर आजाद जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

4- यदि कोई युवा मातृभूमि की सेवा नहीं करता है तो उसका जीवन व्यर्थ है.

चंद्र शेखर आजाद जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

5- अगर आपके लहू में रोष नहीं है तो ये पानी है, जो आपकी रगों में बह रहा है. ऐसी जवानी का क्या मतलब जो मातृभूमि के काम ना आए.

चंद्र शेखर आजाद जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

6- चिंगारी आजादी की सुलगती मेरे जिस्‍म में है. इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं. मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है. कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है.

चंद्र शेखर आजाद जयंती 2021 (Photo Credits: File Image)

आजाद अपने पास हमेशा एक पिस्टल (माउजर) रखते थे, जिसका नाम उन्होंने बमतुल बुखारा रखा था. अपनी मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले चंद्रशेखर आजाद कभी नहीं चाहते थे कि उनकी कोई भी तस्वीर अंग्रेजों के हाथ लगे, इसलिए उन्होंने अपनी सारी तस्वीरें नष्ट कर दी थीं. हालांकि उनकी एक आखिरी तस्वीर झांसी में रह गई थी. अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे.