Chandra Grahan 2020: 5 जून को लग रहा है Penumbral चंद्र ग्रहण, जानें इस दौरान क्या करें और क्या नहीं

हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना मानी जाती है. शुक्रवार यानी 5 जून को चंद्र ग्रहण की यह भौगोलिक घटना घटने वाली है. यह चंद्र ग्रहण पेनिमब्रल यानी उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा. हालांकि ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है, लेकिन 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया है, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा.

चंद्रग्रहण (Photo Credit-Pixabay)

Chandra Grahan/Lunar Eclipse 2020: ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना मानी जाती है. शुक्रवार यानी 5 जून को चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) की यह भौगोलिक घटना घटने वाली है. साल 2020 का यह दूसरा चंद्र ग्रहण पेनिमब्रल (Penumbral Lunar Eclipse) यानी उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा. उपच्छाया चंद्र ग्रहण ऐसी स्थिति में बनता है, जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़ कर केवल उसकी उपच्छाया पड़ती है. इस दौरान चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है. कहा जा रहा है कि इस दिन चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक कक्षा में प्रवेश नहीं करेगा, यह पृथ्वी की परछाई से ही बाहर आ जाएगा, इसलिए इसे ग्रहण नहीं कहा जाएगा. चलिए जानते हैं चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए.

हालांकि ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है. सूतक काल की इस अवधि को अशुभ माना जाता है. यह सूतक काल ग्रहण की समाप्ति के साथ ही खत्म हो जाता है, लेकिन 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया है, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा.

चंद्र ग्रहण का समय

साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 5 जून की रात लगेगा. ग्रहण काल की शुरुआत रात 11 बजकर 16 मिनट से होगी और 6 जून की रात 2 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगा. इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण के नजारे को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के ज्यादातर हिस्सों में देखा जा सकेगा. इसके अलावा ग्रहण को पूरे भारत में देखा जा सकेगा, लेकिन इस दौरान चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं आएगा. हालांकि ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छवि मलिन नजर आएगी. यह भी पढ़ें: Solar/Lunar Eclipse in Year 2020: साल 2020 में लगेंगे कुल 6 ग्रहण, जानें चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण की तिथियां

बरतें ये सावधानियां

ग्रहण के बाद करें ये काम

बहरहाल, भले ही वैज्ञानिक नजरिए से चंद्र ग्रहण को एक खगोलीय घटना के तौर पर देखा जाता है, लेकिन ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इसका प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है. विज्ञान के अनुसार, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तब सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है, इसी स्थिति को ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है.

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