Chaiti Chhath Puja 2023 Messages in Hindi: कार्तिक मास के अलावा चैत्र मास में भी सूर्यदेव की उपासना के पर्व छठ पूजा (Chhath Puja) को धूमधाम से मनाया जाता है. नहाय-खाय (Nahay-Khay) और खरना (Kharna) के बाद आज (27 मार्च) चैती छठ पूजा (Chaiti Chhath Puja) का मुख्य पर्व मनाया जा रहा है. छठ पूजा के तीसरे और मुख्य दिन व्रती शाम के समय किसी पवित्र नदी या तालाब के पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं, जिसे संध्या अर्घ्य कहा जाता है, फिर अगले दिन सूर्योदय के समय उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद यह व्रत पूर्ण होता है, जिसे ऊषा अर्घ्य कहते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से लेकर सप्तमी तिथि तक चैती छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है. इस छठ पूजा की सबसे खास बात तो यह है कि इस महापर्व को चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के दौरान मनाया जाता है, इसलिए इसका अपना एक अलग महत्व बताया जाता है.
कार्तिक मास के छठ पूजा महापर्व को बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई वाले क्षेत्रों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन चैत्र माह की छठ पूजा का भी अपना विशेष महत्व बताया जाता है, इसलिए इस पर्व की लोग शुभकामनाएं भी देते हैं. ऐसे में आप भी इन मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस को भेजकर प्रियजनों से हैप्पी चैती छठ पूजा कह सकते हैं.
1- आया है भगवान सूर्य का रथ,
आज है मनभावन सुनहरी छठ,
मिले आपको सुख-संपत्ति अपार,
छठ की शुभकामनाएं करें स्वीकार.
हैप्पी चैती छठ पूजा
2- सबके दिलों में हो सबके लिए प्यार,
आनेवाला हर दिन लाए खुशियों का त्योहार,
इस उम्मीद के साथ आओ भुलाकर सारे गम,
छठ पूजा का हम सब करें वेलकम.
हैप्पी चैती छठ पूजा
3- मंदिर की घंटी, आरती की थाली,
नदी किनारे सूरज की लाली,
जिंदगी में आए खुशियों की बहार,
छठ पूजा की शुभकामना करें स्वीकार.
हैप्पी चैती छठ पूजा
4- हर कार्य आपका शुभ हो...
छठ मैया की जय हो,
धन-धान्य, समृद्धि से घर भरा रहे,
आपका हर कार्य शुभ हो...
हैप्पी चैती छठ पूजा
5- सात घोड़ों के रथ पर सवार,
भगवान सूर्य आएं आपके द्वार,
किरणों से भरे आपका घर-संसार,
छठ आपके लिए बन जाए समृद्धि का त्योहार.
हैप्पी चैती छठ पूजा
गौरतलब है कि छठ पूजा को महापर्व कहा जाता है, जिसे साल में दो बार मनाया जाता है. कार्तिक मास की छठ पूजा के साथ शीत ऋतु का प्रभाव बढ़ने लगता है, जबकि चैती छठ पूजा के साथ ग्रीष्म ऋतु का प्रभाव बढ़ जाता है. ऋतुओं का परिवर्तन सूर्यदेव के कारण होता है और उन्हीं की कृपा से फसलों का उत्पादन होता है. यही वजह है कि भारतीय परंपरा में कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि और चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाने की परंपरा सालों से चली आ रही है.