Bhogi Wishes 2020: भोगी पर ये हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, SMS, GIF Images, Wallpapers मैसेज के जरिए भेजकर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को दें शुभकामनाएं
भोगी चार दिवसीय पोंगल त्योहार का पहला दिन है, जिसे मकर संक्रांति के रूप में जाना जाता है. यह प्रमुख रूप से दक्षिणी राज्यों में तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में मनाया जाता है. भोगी त्योहार भगवान इंद्र के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्हें बारिश के देवता के रूप में भी जाना जाता है.
Bhogi Wishes 2020: भोगी (Bhogi) चार दिवसीय पोंगल (Pongal) त्योहार का पहला दिन है, जिसे मकर संक्रांति के रूप में जाना जाता है. यह प्रमुख रूप से दक्षिणी राज्यों में तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक में मनाया जाता है. भोगी त्योहार भगवान इंद्र के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्हें बारिश के देवता के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन किसान भगवान इंद्र की पूजा करते हैं, क्योंकि उनकी वजह से ही धरती पर अनाज, समृद्धि और खुशी मिलती है. भोगी के दिन किसान अपने हल और अन्य कृषि उपकरणों की भी पूजा करते हैं. इस साल भोगी का त्योहार 15 जनवरी बुधवार को मनाया जाएगा.
भोगी के अवसर पर लोग अपने पुराने और बेकार घरेलू सामान, लकड़ी और कपड़ों का त्याग कर देते हैं, इन सभी चीजों को आग में फेंक दिया जाता है. इस अनुष्ठान को 'भोगी मंटालू' कहा जाता है. इस अनुष्ठान का उद्देश्य अपने जीवन से पुराने अरु नकारात्मक चीजों से छुटकारा पाना है और जिंदगी की नई शुरुआत करना है. इस दिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं और आग के चारों हो परिक्रमा कर मंत्र का जाप करती हैं. इस दौरान लोग अपने घर को साफ करते हैं और अपने घर के बाहर रंग और फूलों की रंगोली बनाते हैं. लोग अपने घर को गेंदा के फूल और आम के पत्तों की माला से सजाते हैं. भोगी पर भगवान से यह कहकर प्रार्थना की जाती है कि घर से और आसपास से सभी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करें और सकारात्मक ऊर्जा के लिए रास्ता बनाएं. आग में बहुत सारे खेती के खराब सामान भी जलाए जाते हैं. भोगी के त्योहार पर लोग एक दूसरे को सुख समृधि और अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएं देते हैं. अगर आप भी अपने प्रियजनों को भोगी की शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो नीचे दिए गए ग्रीटिंग भेजकर दे सकते हैं.
भोगी की शुभकामनाएं!
भोगी की हार्दिक बधाई!
हैप्पी भोगी!
आपको और आपके परिवार को भोगी की
शुभकामनाएं!
भोगी का त्योहार गोदादेवी और श्री रंगनाथ स्वामी के खगोलीय विवाह से संबंधित है. इस दिन धनुरासम (Dhanurmasam) की समाप्ति होती है. भोगी के दौरान विष्णु भी की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि भोगी का दिन भगवान इंद्रा को बहुत पसंद है, इसलिए दक्षिण भारत में इस दिन इन्द्र की बड़े पैमाने पर पूजा की जाती है.