Bhogi 2023 Wishes in Telugu: भोगी की प्रियजनों को इन तेलुगु WhatsApp Messages, GIF Greetings, SMS, HD Images के जरिए दें शुभकामनाएं

भोगी मकर संक्रांति उत्सव का पहला दिन है. चार दिवसीय पोंगल उत्सव को आंध्र प्रदेश के अलावा दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भेजकर बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी इन तेलुगु विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एसएमएस, एचडी इमेजेस को भेजकर अपने प्रियजनों को भोगी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

भोगी 2023 (Photo Credits: File Image)

Bhogi 2023 Wishes in Telugu: भोगी के त्योहार (Bhogi Festival) को इस साल 14 जनवरी को मनाया जा रहा है, जो चार दिवसीय पोंगल उत्सव (Pongal Festival) समारोह की शुरुआत का प्रतीक है. इस दिन वर्षा के देवता इंद्र के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है और अच्छी बारिश की कामना की जाती है. इसके साथ ही इस दिन लोग सूर्य देव (Surya Dev) और उनके साथ उन कृषि उपकरणों की पूजा की जाती है, जिनका उपयोग फसल काटने के लिए किया जाता है. इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और घर के मुख्य द्वार पर कोलम या रंगोली बनाते हैं. चावल के आटे और पानी के पेस्ट से सुंदर पोंगल कोलम बनाए जाते हैं. इसके साथ ही घर की सजावट के लिए ताजे फूलों का उपयोग किया जाता है.

भोगी मकर संक्रांति उत्सव का पहला दिन है. चार दिवसीय पोंगल उत्सव को आंध्र प्रदेश के अलावा दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर लोग एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भेजकर बधाई देते हैं. ऐसे में आप भी इन तेलुगु विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एसएमएस, एचडी इमेजेस को भेजकर अपने प्रियजनों को भोगी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

भोगी 2023

भोगी 2023 (Photo Credits: File Image)

भोगी 2023

भोगी 2023 (Photo Credits: File Image)

भोगी 2023

भोगी 2023 (Photo Credits: File Image)

भोगी 2023

भोगी 2023 (Photo Credits: File Image)

भोगी 2023

भोगी 2023 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धुन राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इसी दिन सूर्य का उत्तरायण होता है. उत्तरायण की पूर्व संध्या को सर्दी ज्यादा होती है और ठंड से बचने के लिए लोग अलाव जलाते हैं, इसलिए इसका नाम भोगी पड़ा. भोगी अग्नि एक अलाव है, जिसे अग्निदेव से प्रार्थना करने के लिए सूर्य के उत्तरायण से ठीक एक दिन पहले जलाया जाता है. इस दिन को भोगी पर्व के रूप में मनाया जाता है.

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