Bhaubeej 2023 Wishes In Marathi: भाऊबीजेच्या हार्दिक शुभेच्छा! इन मराठी WhatsApp Messages, Quotes, Facebook Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
भाई दूज का त्योहार उदया तिथि के अनुसार 15 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है. भाई दूज पर बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं. इस पर्व को महाराष्ट्र में भाऊबीज के नाम से मनाया जाता है. ऐसे में आप इस अवसर पर इन विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए मराठी में भाऊबीजेच्या हार्दिक शुभेच्छा कह सकते हैं.
Bhaubeej 2023 Wishes In Marathi: पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) के आखिरी यानी पांचवें दिन भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जाता है, जो भाई-बहन के स्नेह और उनके अटूट बंधन का खास पर्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. भाई दूज को भैया दूज (Bhaiya Dooj), भाऊबीज (Bhau Beej), भातृ द्वितीया (Bhatru Dwitiya) और यम द्वितीया (Yam Dwitiya) जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है. रक्षा बंधन की तरह ही भाई दूज का विशेष महत्व बताया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन अगर बहनें अपने भाई के माथे पर स्नेह पूर्वक तिलक लगाती हैं और उन्हें भोजन कराती हैं तो इससे उनके भाइयों को लंबी उम्र, उत्तम आरोग्य और खुशहाल जीवन का वरदान मिलता है. इतना ही नहीं इससे अकाल मृत्यु और यम यातना का भय भी दूर होता है.
इस साल भाई दूज का त्योहार उदया तिथि के अनुसार 15 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है. भाई दूज पर बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं. इस पर्व को महाराष्ट्र में भाऊबीज के नाम से मनाया जाता है. ऐसे में आप इस अवसर पर इन विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए मराठी में भाऊबीजेच्या हार्दिक शुभेच्छा कह सकते हैं.
1- ताई दादाच्या पवित्र प्रेमाचा सण,
भाऊबीजेच्या हार्दिक शुभेच्छा!
2- भावा-बहिणीची साथ आयुष्यभर अतूट राहू दे!
भाऊबीज निमित्त सर्वांना शुभेच्छा!
3- आज आहे बहीण भावाचा पवित्र सण
भाऊबीजेच्या हार्दिक शुभेच्छा!
4- नात्यामध्ये राहू दे स्नेह आणि आपुलकीची माया
भाऊबीजेच्या हार्दिक शुभेच्छा!
5- माझ्या लाडक्या भावाला
भाऊबीजच्या हार्दिक शुभेच्छा!
कहा जाता है कि इस दिन यमुना नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद बहन के घर जाना चाहिए और बहन के हाथों से बना हुआ भोजन खाना चाहिए. बहनें इस दिन भाई के माथे पर तिलक लगाकर और उसकी आरती उतारकर मंगल की कामना करती हैं, फिर अपने भाई को प्यार से भोजन कराती हैं, बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं. इस दिन कई बहनें यमराज को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखती हैं और इस दिन चित्रगुप्त की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है.