Bhai Dooj 2021 HD Images: भाई दूज के इन प्यारे WhatsApp Status, Facebook Greetings, Photos, Wallpapers से बनाएं पर्व को खास

भाई दूज को बहनें सुबह उठकर भगवान की पूजा के बाद अपने भाईयों के लिए पकवान तैयार करती हैं. उन्हें अपने घर आमंत्रित कर उनका तिलक करती हैं और प्रेम पूर्वक भोजन कराती हैं. इसके अलावा इस दिन बहन-भाई एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भी भेजते हैं. आप भी इस मौके पर इन प्यारे एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स को भेजकर इस पर्व को खास बना सकते हैं.

भाई दूज 2021 (Photo Credits: File Image)

Happy Bhai Dooj 2021 HD Images: आज (06 नवंबर 2021) पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) का आखिरी पर्व यानी भाई दूज (Bhai Dooj) मनाया जा रहा है. रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) की तरह ही भाई दूज भी भाई-बहन के प्रेम और अटूट बंधन का पर्व है. दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) के दो दिन बाद इस पर्व को मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. भाई दूज को यम द्वितीया, भाई टीका, भातृ द्वितीया और भाऊ बीज जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक कर, उनकी आरती उतारती हैं और उसकी दीर्घायु व लंबी उम्र की कामना करती हैं. बदले में भाई भी अपनी बहन को प्यार से उपहार भेंट कर आजीवन उसकी रक्षा करने का वचन देता है. भाई दूज पूजन की विधि भी काफी हद तक राखी की तरह ही है.

भाई दूज को बहनें सुबह उठकर भगवान की पूजा के बाद अपने भाईयों के लिए पकवान तैयार करती हैं. उन्हें अपने घर आमंत्रित कर उनका तिलक करती हैं और प्रेम पूर्वक भोजन कराती हैं. इसके अलावा इस दिन बहन-भाई एक-दूसरे को शुभकामना संदेश भी भेजते हैं. आप भी इस मौके पर इन प्यारे एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टेटस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटोज और वॉलपेपर्स को भेजकर इस पर्व को खास बना सकते हैं.

1- भाई दूज की शुभकामनाएं

भाई दूज 2021 (Photo Credits: File Image)

2- हैप्पी भाई दूज 2021

भाई दूज 2021 (Photo Credits: File Image)

3- भाई दूज 2021

भाई दूज 2021 (Photo Credits: File Image)

4- भाई दूज की हार्दिक बधाई

भाई दूज 2021 (Photo Credits: File Image)

5- हैप्पी भाई दूज

भाई दूज 2021 (Photo Credits: File Image)

भाई दूज से जुड़ी कथा के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की  द्वितीया को मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे थे, जहां यमुना ने अपने भाई का खूब आदर सत्कार किया, उन्हें तिलक लगाकर प्रेमपूर्वक भोजन कराया था, जिससे प्रसन्न होकर यमराज अपनी बहन से वरदान मांगने को कहते हैं. इस पर यमी कहती हैं कि वो हर साल इस तिथि पर उनसे मिलने जरूर आएं.

इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जो भी बहन इस दिन अपने भाई के माथे पर तिलक करेगी और उसे स्नेहपूर्वक भोजन कराएगी, उसे अकाल मृत्यु का भय न रहे और उसे यम यातना न झेलनी पड़े. अपनी बहन की बात सुनकर यमराज तथास्तू कहते हैं. माना जाता है कि तब से भाई दूज मनाने की यह परंपरा चली आ रही है.

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