Balaram Jayanti 2024 HD Images: हैप्पी बलराम जयंती! प्रियजनों संग शेयर करें ये शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings, Photo SMS और Wallpapers
अगर किसी की संतान किसी रोग से पीड़ित है तो उन्हें बलराम जयंती का व्रत रखने की सलाह दी जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से संतान पर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं. इस पर्व को मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. इस अवसर पर आप इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को भेजकर प्रियजनों से हैप्पी बलराम जयंती कह सकते हैं.
Balaram Jayanti 2024 HD Images: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को बलराम जयंती (Balaram Jayanti) मनाई जाती है, जिसे हल छठ, खमर छठ, राधन छठ, चंदन छठ, ललही छठ, हल छठ और हर छठ जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) से दो दिन पहले उनके बड़े भाई और शेषनाग के अवतार बलराम जी (Balaram Ji) का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस साल 24 अगस्त 2024 को बलराम जयंती (Balaram Jayanti) मनाई जा रही है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान शेषनाग ने बलराम का अवतार लिया था. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं श्रद्धाभाव से व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करती हैं तो उनकी संतान को लंबी उम्र और निरोगी जीवन का आशीर्वाद मिलता है. अगर निसंतान महिलाएं इस व्रत को करती हैं तो उन्हें संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
अगर किसी की संतान किसी रोग से पीड़ित है तो उन्हें बलराम जयंती का व्रत रखने की सलाह दी जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से संतान पर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं. इस पर्व को मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. इस अवसर पर आप इन शानदार एचडी इमेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स को भेजकर प्रियजनों से हैप्पी बलराम जयंती कह सकते हैं.
बलराम जयंती के पर्व को उनके जीवन और उनके द्वारा किए गए कृष कार्यों के लिए याद किया जाता है. इस पर्व को कृषि प्रधान समाज के लोगों द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस व्रत को करने वाले भक्तों को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए. इस दिन अन्न का सेवन करने से बचना चाहिए, जबकि इस व्रत में फलों, दूध और व्रत के फलाहारी भोजन का सेवन किया जा सकता है. विधि-विधान से बलराम जी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और अगले दिन सुबह फिर से पूजा करके व्रत का पारण करना चाहिए.