Ahoi Ashtami 2024 Wishes: अहोई अष्टमी की इन शानदार हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं
अहोई अष्टमी 2024 (Photo Credits: File Image)

Ahoi Ashtami 2024 Wishes in Hindi: अखंड सौभाग्य के पर्व करवा चौथ (Karwa Chauth) को मनाए जाने के करीब चार दिन बाद महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और उसके खुशहाल जीवन के लिए अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) का व्रत करती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस साल 24 अक्टूबर 2024 को यह व्रत रखा जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि अहोई अष्टमी के व्रत से संतान के साथ होने वाली किसी भी प्रकार ही अनहोनी टल जाती है. इस दिन महिलाएं अपने बच्चों की सलामती के लिए निर्जल व्रत रखती हैं, फिर विधि-विधान से अहोई माता की पूजा-अर्चना करती हैं. इसके साथ ही संतान की चाह रखने वाली महिलाएं भी इस व्रत को बड़े ही श्रद्धाभाव से करती हैं.

अहोई अष्टमी के दिन व्रत रखकर महिलाएं भगवान शिव-माता पार्वती, भगवान गणेश और अहोई माता की पूजा करती है. इसके बाद रात में तारों को अर्घ्य देकर इस व्रत को पूर्ण किया जाता है, साथ ही इस पर्व के शुभकामना संदेश भी शेयर किए जाते हैं. ऐसे में इस अवसर पर आप इन शानदार हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- अहोई अष्टमी का दिन है कितना खास,
जिसमें पुत्रों के लिए होते हैं उपवास.
अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं

अहोई अष्टमी 2024 (Photo Credits: File Image)

2- पल भर ही सही प्यारी मां को याद कीजिए,
होगी पूरी तमन्ना जरा आप फरियाद तो कीजिए.
अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं

अहोई अष्टमी 2024 (Photo Credits: File Image)

3- अहोई अष्टमी का ये प्यारा त्योहार,
जीवन में लाए खुशियां अपार,
मां अहोई जी करें,
आपके घर सुख की बरसात.
अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं

अहोई अष्टमी 2024 (Photo Credits: File Image)

4- आपकी संतान पर बना रहे मां अहोई का आशीष,
आपके जीवन में आए खुशियों की बहार.
अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं

अहोई अष्टमी 2024 (Photo Credits: File Image)

5- शोहरत, समृद्धि की हो आप पर बौछार,
ऐसा आए अहोई अष्टमी का पावन त्योहार.
अहोई अष्टमी की शुभकामनाएं

अहोई अष्टमी 2024 (Photo Credits: File Image)

प्रचलित मान्यताओं के अनुसार अहोई अष्टमी की पूजा शाम को की जाती है और पूजन के लिए दीवार पर अहोई माता की तस्वीर बनाई जाती है. इसके बाद एक चौकी पर मां अहोई की तस्वीर की बाईं ओर पानी से भरा कलश रखा जाता है, फिर उन्हें चावल और दूध अर्पित किया जाता है. पूजन के दौरान अहोई माता को हलवा-पूरी का भोग अर्पित किया जाता है और हाथेली में सात अनाज लेकर व्रत की कथा पढ़ी या सुनी जाती है. आखिर में आरती की जाती है और फिर रात में तारों को अर्घ्य देने के बाद व्रत पूर्ण किया जाता है.