Ahilyabai Holkar Jayanti 2020 Wishes: इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो इनमें कई वीरांगनाओं की वीरता की कहानियां दर्ज हैं, जनमें से अहिल्याबाई होल्कर (Ahilyabai Holkar) एक हैं. आज यानी 31 मई को अहिल्याबाई होल्कर की जयंती (Ahilyabai Holkar Jayanti) मनाई जा रही है. उनका जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र (Maharashtra) के वर्तमान अहमदनहर जिले (Ahmednagar District) में हुआ था. उनके पिता चौड़ी गांव के पाटिल थे. अहिल्याबाई होल्कर को इंदौर (Indore) की सबसे प्रभावशाली, मेहनती और बहादुर रानी के तौर पर जाना जाता था. उन्होंने इंदौर के विकास में अहम योगदान दिया था. अहिल्या बाई का विवाह छोटी सी उम्र में ही खांडेराव होल्कर से हुआ था. विवाह के बाद उन्होंने बेटे मालेराव और बेटी मुक्ताबाई को जन्म दिया था. विवाह के बाद उनके जीवन में त्रासदियों की एक श्रृंखला शुरू हो गई, जिसके कारण उन्हें सिंहासन की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी.
इंदौर की बहादुर रानी और वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर की जयंती के इस खास अवसर आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों इन प्यारे वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस, वॉलपेपर्स, कोट्स, विशेज और इमेज के जरिए न सिर्फ शुभकामनाएं दे सकते हैं, बल्कि उन्हें याद भी कर सकते हैं.
1- अहिल्याबाई होल्कर जयंती
2- अहिल्याबाई होल्कर जयंती
3- अहिल्याबाई होल्कर जयंती
4- अहिल्याबाई होल्कर जयंती
5- अहिल्याबाई होल्कर जयंती
होल्कर राज्य विकास की राह पर आगे बढ़ ही रहा था कि अचानक उनके ससुर मल्हार राव का भी निधन हो गया. इसके बाद राजतिलक के कुछ दिनों बाद ही उनके बेटे मालेराव का भी निधन हो गया. अहिल्या के लिए यह एक और बड़ा झटका था और उनके लिए यह कठिन परीक्षा की घड़ी भी थी. इससे पहले की राज्य में विरोधाभास की स्थिति पैदा हो उन्होंने खुद ही राजगद्दी पर बैठने का फैसला किया.
मालवा की यह रानी एक बहादुर योद्धा, प्रभावशाली और कुशल राजनीतिज्ञ भी थीं. इंदौर उनके 30 साल के शासन में एक छोटे से गांव से बड़े शहर में तब्दील हो गया. उन्होंने इंदौर में राहगीरों के लिए कुएं और विश्रामघर बनवाए थे. रानी अहिल्याबाई ने 70 साल की उम्र में अंतिम सांस ली, उनके निधन के बाद उनके विश्वसनीय तुकोजीराव होल्कर ने राजगद्दी को संभाला.