सनातन धर्म में सबसे महत्वपूर्ण एवं व्यापक कर्मकांड है महारुद्राभिषेक. हिंदू मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास के किसी भी एक सोमवार को महारुद्राभिषेक करवाने से भगवान शिव अपने भक्त की हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं. अमूमन हर शिव भक्त श्रावण मास में शिव मंदिर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर उनका आशीर्वाद ग्रहण करते हैं. इन दिनों बहुत सारे शिव भक्त देश के प्रमुख शिवलिंगों उज्जैन, नासिक, ओंकारेश्वर, सोमनाथ, भीमा शंकर और रामेश्वरम् में महारुद्राभिषेक करवाते हैं, जो बहुत ज्यादा फलदायी होती है. अमूमन महारुद्राभिषेक की पूजा शिव मंदिरों में ही की जाती है, लेकिन ग्रह-नक्षत्र आदि अनुकूल नहीं चल रहा है तो यह महानुष्ठान घर पर किसी योग ब्राह्मण के द्वारा कराई जानी चाहिए. इस अनुष्ठान से सारे बुरे ग्रह, विपत्तियां, पाप एवं कष्ट मिट जाते हैं.
महारुद्राभिषेक पूजा किसे करनी चाहिए
कोई भी व्यक्ति जो जीवन में कुछ बुरे ग्रहों, बुरी ताकतों आदि से ग्रस्त चल रहा है, जो अथक आर्थिक समस्याओं से गुजर रहा है, जिसके कारोबार अथवा नौकरी में आये दिन कोई ना कोई संकट आ रहा हो, कोई विशेष परीक्षा पास कर उच्च पदस्थ प्राप्त करना चाहता है, कोई घातक बीमारी अथवा नकारात्मक शक्तियों से घिरा हुआ है, जिन्हें किसी प्रकार का संभावित खतरे का अहसास हो रहा हो, अथवा जो घर-परिवार में शांति एवं खुशहाली चाहता है, उसे शिवालय अथवा घर पर महारुद्राभिषेक करवाना अमोघ शक्ति प्राप्त करने जैसा परिणाम मिलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रुद्राभिषेक के द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न कर जातक हर प्रकार की मनोकामनाएं हासिल कर सकता है.
महारुद्राभिषेक पूजा के लाभ
महारुद्राभिषेक पूजा के तमाम नियम हैं. जिसकी जानकारी आप अपने पुरोहित से प्राप्त कर सकते हैं. इन नियमों का पालन करने से ही अभीष्ठ फल प्राप्त होते हैं. महारुद्राभिषेक अनुष्ठान करवाने से सभी बुराइयों, पापों एवं कष्टों से मुक्ति मिलती है. आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक कष्टों से छुटकारा मिलता है. महारोग से ग्रस्त व्यक्ति के लिए महारुद्राभिषेक अमोघ शक्ति समान लाभकारी होती है. यह अनुष्ठान कराने से रोजी, रोजगार, धनार्जन के आय में आने वाली रुकावट दूर होती है. जिस घर में जातक महारुद्राभिषेक करवाता है, वहां किसी भी प्रकार की बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं करतीं. ध्यान रखें कि यह महापूजा व्यक्ति विशेष के ग्रहों के दोषों के लिए अंतिम उपाय के रूप में कार्य करती है. यह भी पढ़ें : Batukeshwar dutta Punyatithi 2022: भगत सिंह के साथ फांसी नहीं चढ़ने से क्यों दुखी थे बटुकेश्वर दत्त? जानें आजाद भारत में एक क्रांतिकारी का दुःखद अंत!
ज्योतिषाचार्य पंडित सुनील दवे के अनुसार महारुद्राभिषेक करने से सभी देवी-देवताओं के अभिषेक का फल प्राप्त होता है. महारुद्राभिषेक में सृष्टि की सारी मनोकामनाएं पूरी करने की शक्ति होती है. इसलिए महारुद्राभिषेक करवाने से पहले अपनी आवश्यकताओं एवं इच्छाओं को अपने महापुरोहित से अवश्य शेयर कर लेना चाहिए, ताकि वह अभीष्ठ पूजा करवा सके. अगर कोई व्यक्ति महारुद्राभिषेक अथवा रुद्राभिषेक करवाने में असमर्थ है तो उसे प्रत्येक सोमवार को शिवजी की पूजा के समय निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए
सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका:। रुद्रात्प्रवर्तते बीजं बीजयोनिर्जनार्दन:।।
यो रुद्र: स स्वयं ब्रह्मा यो ब्रह्मा स हुताशन:। ब्रह्मविष्णुमयो रुद्र अग्नीषोमात्मकं जगत्।।