Dhanteras 2018: दिवाली हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है जिसका लोग पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं. पांच त्योहारों के पर्व दिवाली पर जहां दीयों की रोशनी व्यक्ति के जीवन से अंधकार दूर करती है, तो वहीं गुजिए की मिठास रिश्तों की कड़वाहट दूर करने में मदद करती है. दिवाली पर बनाई जाने वाली मनमोहक रंगोली के रंग, जीवन को रंगीन बनाते हैं. बेशक दिवाली का पर्व अपने साथ खुशियों की सौगात लेकर आता है और दिवाली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो इस साल 5 नवंबर को पड़ रहा है.
धनतेरस के दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है. इसके साथ ही धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है. मान्यता है कि समुंद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धनवंतरी अपने साथ अमृत कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इन्हें औषधि का जनक माना जाता है और इस दिन गहनों व बर्तनों खरीददारी करना बेहद शुभ होता है.
धनतेरस पर क्यों खरीदी जाती हैं सोने-चांदी की चीजें?
धनतेरस पर सोने, चांदी की चीजें खरीदने की परंपरा सालों से चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीजें सौभाग्य लेकर आती हैं. इस दिन सोने-चांदी के गहने या सिक्कों की खरीददारी को बेहद शुभ माना जाता है. जो लोग सोने-चांदी की चीजें खरीदने में असमर्थ हैं वो तांबे-पीतल की चीजें भी खरीद सकते हैं, लेकिन इस दिन लोहे, शीशे या अल्युमिनियम की चीजें खरीदने से बचना चाहिए.
कब की जाती है धनतेरस की पूजा?
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. धन का अर्थ है समृद्धि और तेरस का मतलब है तेरहवां दिन. धनतेरस यानी धन में तेरह गुणा वृद्धि करने का दिन. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस पर भगवान धनवंतरी और कुबेर की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, खुशियों और सफलता के मार्ग खुलते हैं. यह भी पढ़ें: Dhanteras 2018: वॉट्सऐप और फेसबुक पर इन मैसेजेस के जरिए दें धनतेरस की शुभकामनाएं
धनतेरस पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
इस साल धनतेरस का पर्व 5 नवंबर को मनाया जा रहा है और इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजन करना ज्यादा फलदायी होता है.
धनतेरस तिथि- 5 नवंबर, 2018.
शुभ मुहूर्त- शाम 6.05 बजे से रात 8.01 बजे तक.
प्रदोष काल- शाम 5.29 बजे से रात 07.00 बजे तक.
वृषभ काल- शाम 6.05 बजे से रात 8.01 बजे तक.
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 01:24 बजे, 5 नवंबर 2018
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 23:46 बजे, 5 नवंबर 2018 यह भी पढ़ें: Dhanteras 2018: धनतेरस से पहले घर के इन कोनों की करेंगे सफाई तो नहीं होगी कभी धन की कमी
पूजन की आसान विधि
- धनतेरस के दिन यम दीप की पूजा की जाती है. इसके लिए एक चौकी को धोकर सुखा लें, फिर चौकी के बीचोंबीच रोली से स्वस्तिक बनाएं. स्वस्तिक पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं, फिर उसमें एक छेद वाली कौड़ी डाल दें. अब दीपक के चारों ओर गंगा जल से तीन बार छींटा दें और उसके अंदर एक रुपये का सिक्का डाल दें. पुष्प से दीपक की पूजा करने के बाद उसे घर के मुख्य दरवाजे के बाहर दाहिनी ओर रख दे. याद रहे दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए.
- यम दीप की पूजा के बाद भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है. उनके पूजन के लिए पूजन घर में मिट्टी का हाथी और भगवान धनवंतरी प्रतिमा स्थापित करें. अब चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें. पूजन के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें, फिर हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धनवंतरी का ध्यान व पूजन करें. पूजन के बाद “ॐ धं धन्वन्तरये नमः” मंत्र का 108 बार जप करें.
- भगवान धनवंतरी की पूजा करने के बाद भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा करनी चाहिए. इनका पूजन धूप, दीप, अक्षत, चंदन और नैवेद्य अर्पित करके पंचोपचार विधि से करें.