Dhanteras 2019: कब है धनतेरस? जानें इसका महत्व पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहते हैं, पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का यह पहला दिन है. धनतेरस के दिन दूधिया सागर के मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी समुद्र से निकली थीं. इसलिए इस दिन भगवान कुबेर के साथ देवी लक्ष्मी कि पूजा की जाती हैं. धनतेरस दिवाली से पहले कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी मनाया जाता है.

Happy Diwali 2019 (Photo Credits: Pixabay)

Dhanteras 2019: धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहते हैं, पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का यह पहला दिन है. धनतेरस के दिन दूधिया सागर के मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी समुद्र से निकली थीं. इसलिए इस दिन भगवान कुबेर के साथ देवी लक्ष्मी कि पूजा की जाती हैं. धनतेरस दिवाली से पहले कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी मनाया जाता है, इस साल धनतेरस 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा. धनतेरस या धनत्रयोदशी पर लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के दौरान की जानी चाहिए जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है और लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक रहती है. इस दिन आभूषण, रत्न और कोई भी घरेलू उपकरण जो धातु से बना होता है वो खरीदना शुभ माना जाता है.

बहुत से लोग धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी के चांदी या सोने का सिक्का भी खरीदते हैं. बहुत से लोग ऑटोमोबाइल और महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदने के लिए पूरे साल इस दिन का इंतजार करते हैं. इस दिन शाम के समय परिवार के सभी सदस्य भगवान लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कोई भी व्यापार या शुभ काम की शुरुआत करने से तरक्की मिलती है. धनतेरस के दिन से दीवाली की शुरुआत हो जाती है, इसलिए धनतेरस से पहले लोग अपने घरों की साफ सफाई करते हैं ताकि देवी लक्ष्मी का उनके घरों में वास हो.

धनतेरस तिथि और शुभ मुहूर्त:

धनतेरस तिथि - शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019

धनतेरस पूजा मुहूर्त - शाम 07:08 से 08:14 बजे तक

प्रदोष काल - सायं 05:39 से 08:14 बजे तक

वृष काल - शाम 06:51 से 08:47 बजे तक

त्रयोदशी तिथि शुरू होती है - 07:08 अपराह्न 25 अक्टूबर 2019 को

महत्व:

इस पावन अवसर पर हिन्दू देवता धन्वंतरि प्रगट हुए थे, इन्हें स्वास्थ्य, आयुर्वेद और चिकित्सा का देवता कहा जाता है. किंवदंतियों के अनुसार, देवों और असुरों के बीच समुद्र मंथन (समुद्र मंथन) के दौरान, भगवान धनवंतरी धनतेरस के दिन अमृत का कलश लेकर समुद्र से निकले थे. कुछ किंवदंतियों के अनुसार, देवी लक्ष्मी भी त्रयोदशी के दिन प्रकट हुई थीं. इसलिए धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी और देवी लक्ष्मी दोनों की पूजा की जाती है.

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हालांकि धनतेरस के दो दिनों के बाद अमावस्या पर लक्ष्मी पूजा को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. दीवाली त्योहार को लक्ष्मी त्योहार को "लक्ष्मी पूजा" के रूप में मनाया जाता है.

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