Chhath Puja 2018: उपवास किए बिना भी आपको मिल सकता है छठ पूजा का फल, जानें कैसे?
कई लोग ऐसे भी हैं जो चाहकर भी छठ का व्रत नहीं कर पाते हैं, क्योंकि इस व्रत के नियम काफी कठोर हैंं जिनका पालन करना अनिवार्य माना जाता है. इसके साथ ही साफ-सफाई का भी खास तौर पर ख्याल रखा जाता है.
Chhath Puja 2018: भगवान विष्णु के प्रिय कार्तिक मास में कई बड़े त्योहार मनाए जाते हैं. इसी मास में पांच दिनों तक दिवाली का जश्न मनाने के बाद अब लोग छठ पूजा की तैयारियों में जोरों शोरों से जुट गए हैं. हालांकि कार्तिक मास में भगवान विष्णु के अलावा नौ ग्रहों के स्वामी सूर्य देव की उपासना की भी परंपरा है. खासकर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व भगवान सूर्य और उनकी बहन छठ मैया को समर्पित है, जिसमें उगते और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. हालांकि इस पर्व को मनाने की शुरुआत मुख्य रूप से बिहार से हुई थी, लेकिन अब भारत के कई हिस्सों में इसे बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
दरअसल, कार्तिक मास में सूर्य अपनी नीच राशि में होते हैं इसलिए उनकी उपासना विशेष रूप से की जाती है, ताकि स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों से बचा जा सके. सूर्य देव और छठी मैया की पूजा से निसंतानों को संतान प्राप्ति और जिनकी संतान हैं उनकी आयु की रक्षा होती है.
इस बार चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व की शुरुआत 11 नवंबर से हो रही है, जिसका समापन 14 नवंबर को होगा. 13 नवंबर यानी षष्ठी तिथि को संध्याकाल में सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और अगले दिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस महापर्व का समापन किया जाएगा. यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2018: चार दिनों तक मनाया जाएगा छठ का महापर्व, जानें तिथियां, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं जो चाहकर भी छठ का व्रत नहीं कर पाते हैं, क्योंकि इस व्रत के नियम काफी कठोर हैंं जिनका पालन करना अनिवार्य माना जाता है. इसके साथ ही साफ-सफाई का भी खास तौर पर ख्याल रखा जाता है. अगर आप भी छठ का उपवास नहीं कर पाते हैं और इस व्रत का फल पाना चाहते हैं तो यह मुमकिन है. इसके लिए आपको छठ पर्व के दौरान कुछ आसान कार्य करने होंगे.
बिना उपवास किए ऐसे पाएं छठ पूजा का फल
- अगर आप छठ का व्रत नहीं कर रहे हैं तो जो व्यक्ति व्रत कर रहा है उसको भोजन बनाने के दौरान सामान जुटाने में सहायता करें.
- छठ का पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है ऐसे में बिना व्रत के इस पूजा का फल प्राप्त करने के लिए आपको भी चार दिनों तक सात्विक रहना चाहिए.
- षष्ठी तिथि को जब व्रत करने वाले लोग सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं तब आपको भी सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनकी उपासना करनी चाहिए. यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2018: छठ पूजा से पहले जुटा लें ये आवश्यक पूजन सामग्रियां, देखें पूरी लिस्ट
- इस व्रत के अंतिम दिन जब सारे व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो उसके बाद उनके चरण स्पर्श करना न भूलें. इस दिन उनका आशीर्वाद लें और उनसे प्रसाद लेकर ग्रहण करें.
- छठ पूजा के दौरान अतिंम दो दिनों में अर्थात षष्ठी और सप्तमी तिथि को अर्घ्य के समय ओम आदित्याय नम: मंत्र का 108 बार जप करें.