नई दिल्ली, 28 अगस्त : भैंस का दूध पीने वाले लोगों को अक्सर यह कहकर चिढ़ाया जाता है कि भैंस का दूध पीने से बुद्धि भी भैंस की तरह मोटी हो जाती है. इसका असर बच्चों के अभिभावकों पर भी पड़ता है. ऐसे में मां-बाप अपने बच्चों को भैंस के दूध की बजाय गाय का दूध पिलाना ज्यादा पसंद करते हैं. आइए जानतें हैं कि क्या यह वाकई सच है, या सिर्फ भ्रांति.
हरदोई में शतायु आयुर्वेदिक एवं पंचकर्म केंद्र के डॉ. अमित के अनुसार, भैंस के दूध को लेकर फैली यह भ्रांति पूरी तरह गलत है. डॉ. अमित का कहना है कि भैंस का दूध किसी भी प्रकार से बच्चों के लिए हानिकारक नहीं है, बल्कि यह गाय के दूध की तरह ही लाभकारी होता है. भैंस का दूध गाय के दूध की तुलना में अधिक वसा और प्रोटीन से भरपूर होता है, इससे यह थोड़ा गाढ़ा महसूस हो सकता है. हालांकि, बच्चे के पाचन की क्षमता पर यह निर्भर करता है. कुछ बच्चों को भैंस का दूध आसानी से पच जाता है, जबकि कुछ को इसे पचाने में कठिनाई हो सकती है. यह भी पढ़ें : Drumstick Benefits: अब हर महिला दिखेगी खूबसूरत व सुडौल, रोजाना करें सहजन का सेवन
डॉ. अमित ने यह भी स्पष्ट किया कि दिमाग की सुस्ती या बुद्धि के विकास पर भैंस के दूध का कोई असर नहीं होता है. बच्चों के मानसिक विकास में संतुलित आहार, सही शिक्षा और स्वस्थ पर्यावरण का योगदान अधिक महत्वपूर्ण होता है, न कि केवल दूध के प्रकार का. अगर किसी बच्चे को भैंस का दूध पचाने में दिक्कत होती है, तो उसके लिए गाय का दूध या अन्य विकल्प उपलब्ध हैं. इसलिए, बच्चों के स्वास्थ्य और पाचन क्षमता के आधार पर ही खाद्य पदार्थों का चयन करना चाहिए.
वह कहते हैं कि यह किसी भी शोध में साबित नहीं हुआ है कि भैंस का दूध पीने से बच्चों का दिमाग मोटा हो जाता है. यह बिल्कुल गलत जानकारी है. गाय के दूध के विपरीत भैंस के दूध में ज्यादा पोषक तत्व होते हैं. ज्यादा प्रोटीन होता है, ज्यादा मिनरल्स होते हैं. इसी वजह से यह दूध गाढ़ा हो जाता है. पेरेंट्स को बस इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस गाढ़े दूध को पिलाने से उनके बच्चे का हाजमा न बिगड़ पाए. इसके लिए वह चाहें तो दूध में पानी मिलाकर अपने बच्चों को दे सकते हैं.