अगर बढ़वाना चाहते हैं अपनी सैलरी तो मैनेजर से बात करने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके
प्रतीकात्मक तस्वीर, (Photo Credit: Pixabay)

हर साल सैलरी बढ़ने यानी अप्रेजल का वक्त आता है जब लोग अपनी सैलरी बढ़ाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं. अप्रेजल का वक्त अपने मैनेजर से सैलरी बढ़ाने के बारे में बात करने का सबसे अच्छा वक्त होता है. सैलरी बढ़ाने के लिए आपको अपने मैनेजर से क्या बातें करनी चाहिए आइए आपको बताते हैं.

बात करने से हिचकिचाए नहीं: सैलरी बढ़ाने को लेकर बातचीत सबसे पहले और स्पष्ट होनी चाहिए. अगर आपकी सैलरी बढ़ना जेन्यून और जरुरी है तो इस बारे में आपको बात करने में शर्माना

नहीं चाहिए. एमवे इंडिया (Amway India) के चीफ ह्यूमन रिसोर्सेस ऑफिसर (chief human resources officer) शांतनु दास (Shantanu Das) का कहना है कि एमवे के कर्मचारियों को उनके गोल्स और अचीवमेंट्स की लिस्ट बनाने को कहा जाता है. MyLoanCare.in के को-फाउंडर और सीईओ गौरव गुप्ता (Gaurav Gupta) का कहना है कि अपनी लिस्ट में आप जितने ज्यादा फैक्ट्स पेश करेंगे, आपका बॉस उतना ही ज्यादा आपसे खुलकर बात कर पाएगा और आपकी सैलरी बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी.

उद्देश्य पर बने रहें: सुपरवाईजर के साथ अपने उद्देश्य को लेकर बात करने की कोशिश करें. कर्मचारी को किसी इमोशनल विषय पर बात करने से बचना चाहिए. उन्हें सिर्फ अपनी परफोर्मेंस रिपोर्ट और अपने काम के बारे में ही बात करना चाहिए.

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अपॉइंटमेंट फिक्स करें: सैलरी या किसी भी विषय में बात करने के लिए अपने बॉस से अपॉइंटमेंट लें और आप किस बारे में बात करना चाहते हैं यह भी बता दें ताकि आपका बॉस भी आपसे बात करने के लिए रेडी हो. हमेशा इस बात का ख्याल रखें कभी भी काम के वक्त या बॉस बीजी हो तो बीच में बात करने के लिए न कूद पड़ें इससे गलत इम्प्रेशन पड़ता है.

तुलना करने से बचें: सैलरी के बारे में बात करते वक्त इस बात को अपने बॉस के सामने रखें कि क्यों आपकी सैलरी बढ़नी चाहिए. अपनी तुलना किसी और से न करें क्योंकि अपने साथी कर्मचारी और उनके काम के समय के बारे में बात करने से ऐसा भी हो सकता है कि आपकी बात न बने. बॉस के सामने अपने साथी कर्मचारी के काम की बुराई और अपने काम की बड़ाई करने से बचें क्योंकि ये आपके व्यक्तित्त्व पर बुरा प्रभाव डाल सकता है.

पॉजिटिव रहें: सैलरी को लेकर चर्चा का परिणाम जो भी हो, बस रिजल्ट का सामना करने के लिए तैयार रहें और ये पॉजिटिव ऐटीट्युड आपके कन्वर्सेशन में भी झलकना चाहिए. डीफेंसिव होने से बचें और ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारी लेने की कोशिश करें. रिजेक्शन बातचीत का अंत नहीं है, अगर सैलरी को लेकर आपकी बात नहीं बनती है तो निराश होने की जरुरत नहीं है. अगर इस बार आपकी बात नहीं बनी तो, कोई बात नहीं अगली बार जरुर बन जाएगी.