नई दिल्ली: येस बैंक संकट (Yes Bank Crisis) जल्द खत्म होने की उम्मीद है. केंद्र सरकार ने येस बैंक पुनर्गठन योजना (Yes Bank Ltd Reconstruction Scheme 2020) को अधिसूचित कर दिया है. इसके मुताबिक संकट में फंसे निजी क्षेत्र के बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा लगाई गई रोक 18 मार्च को शाम छह बजे से हटा दी जाएगी. आरबीआई के प्रतिबंध हटने से खाताधारकों को बड़ी राहत मिलेगी.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को 'येस बैंक लिमिटेड पुनर्निर्माण योजना, 2020' को अधिसूचित किया है. अधिसूचना के अनुसार तीन दिन के अंदर येस बैंक पर लगाए गए प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे. साथ ही येस बैंक के कामकाज के संचालन के लिए एक नया बोर्ड बनाया जाएगा. इस बोर्ड में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के कम से कम 2 निदेशक रहेंगे. यह बोर्ड एक सप्ताह के भीतर पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा. कोरोना वायरस और यस बैंक संकट का असर, शेयर बाजार में 2342 की भारी गिरावट
'Yes Bank Ltd Reconstruction Scheme, 2020' notified by Union Finance Ministry, yesterday. The moratorium on the bank will be lifted within 3 days of the notification and a new board, having at least 2 directors of SBI, will take over within 7 days of the issuance of notification. pic.twitter.com/rR0eHVtVY3
— ANI (@ANI) March 14, 2020
अधिसूचना में कहा गया, “पुनर्गठित बैंक पर सरकार द्वारा जारी रोक का आदेश इस योजना के आरंभ की तिथि से तीसरे काम-काजी दिवस (18 मार्च) को शाम छह बजे से अप्रभावी हो जाएगा.’’
संकटग्रस्त येस बैंक को उबारने के लिए आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी और कोटक महिंद्रा बैंक ने येस बैंक में कुल 3,100 करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया है. यस बैंक में यह निवेश बैंकिंग नियमन कानून, 1949 के तहत प्रस्तावित योजना यस बैंक लिमिटेड का पुनर्गठन के तहत किया जाएगा. जबकि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को यस बैंक के लिए रिजर्व बैंक की ओर से प्रस्तावित राहत पैकेज को भी मंजूरी दी है. इसके तहत एसबीआई यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए 7,250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने वर्तमान में एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को येस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया है. केंद्रीय बैंक ने बीते पांच मार्च को येस बैंक पर रोक लगा दी थी जिसके तहत खाताधारक तीन अप्रैल तक बैंक से अधिकतम 50,000 रुपये ही निकाल सकते थे.