हमारे देश में आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली के तहत लोगों का इलाज वर्षों से होता आया है. आयुर्वेद को चिकित्सा की सबसे प्राचीन और अच्छी तरह से परखी हुई प्रणाली माना जाता है. भारत की इस पौराणिक चिकित्सा प्रणाली के लिए वर्ष 2022 भी ऐतिहासिक वर्ष रहा. आयुष मंत्रालय ने न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी दृष्टि और मिशन को मजबूती और प्रभावी ढंग से सुदृढ़ किया. यह वर्ष विश्व स्तर पर भारतीय परंपरा चिकित्सा के प्रचार-प्रसार के लिए युगांतरकारी रहा है. इसके अलावा, आयुष हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, रिसर्च कोलैबोरेशन, वन नेशन वन हर्ब इनिशिएटिव, एक्सपोर्ट प्रमोशन मैकेनिज्म, एजुकेशनल रिफॉर्म्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन ट्रेडिशनल मेडिसिन के इस्तेमाल के क्षेत्र में उपलब्धियां इस साल काफी ध्यान देने योग्य रही हैं.
भारत में बनेगा पहला WHO - GCTM
देश में पारंपरिक औषधि सेक्टर को बढ़ावा देने की दिशा में भारत में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना होने जा रही है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के बीच एक मेजबान देश समझौते को मंजूरी दे दी है. ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (WHO - GCTM) अपनी तरह का पहला और एकमात्र केंद्र जामनगर, गुजरात में आकार ले रहा है. पीएम मोदी के द्वारा आधारशिला रखने के साथ इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था. अप्रैल 2022 में मॉरीशस के प्रधानमंत्री और डीजी-डब्ल्यूएचओ की उपस्थिति और गुजरात में आईटीआरए, जामनगर में एक अंतरिम कार्यालय कार्यात्मक बना. WHO-GCTM वैश्विक स्वास्थ्य और सतत विकास के लिए पारंपरिक चिकित्सा के योगदान को अनुकूलित करने के लिए साक्ष्य और सीखने, डेटा और विश्लेषण, स्थिरता और इक्विटी, और नवाचार और प्रौद्योगिकी पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करेगा.
पहला ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट हुआ आयोजित
आयुष मंत्रालय ने इतिहास रचते हुए अप्रैल में गुजरात के गांधीनगर में पहला ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट (GAIIS) 2022 का आयोजन किया जो FMCG, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (हील इन इंडिया), फार्मा, टेक्नोलॉजी एंड डायग्नोस्टिक और फार्मर्स एंड एग्रीकल्चर जैसी प्रमुख श्रेणियों में 9000 करोड़ रुपए से अधिक के लेटर ऑफ इंटेंट का गवाह बना. आयुष क्षेत्र में इस पैमाने के पहले मेगा इवेंट ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थानों और विभिन्न अन्य क्षेत्रों के साथ समझौतों की सुविधा प्रदान की, वित्तीय विचारों को बढ़ावा दिया, आपसी अनुसंधान और वैश्विक स्तर पर आयुष की पहुंच बढ़ाई.
आयुष हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर हुआ मजबूत
आयुष हेल्थ केयर इंफ्रास्ट्रक्चर और संस्थानों के निर्माण के मामले में वर्ष 2022 को एक ऐतिहासिक वर्ष के रूप में चिह्नित किया जा सकता है. आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी में तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों का उद्घाटन पीएम मोदी द्वारा दिसंबर में गोवा से विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के समापन समारोह के दौरान किया गया था. इसमें गोवा में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, गाजियाबाद में राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान और दिल्ली में राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान शामिल रहा. ये संस्थान सामूहिक रूप से गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन और प्रशिक्षित आयुष पेशेवरों की उपलब्धता का एक पूल तैयार करेंगे. इन संस्थानों के माध्यम से यूजी, पीजी और पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए 400 अतिरिक्त सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी और मरीजों की देखभाल के लिए 550 और बेड जोड़े जाएंगे.
यूनानी चिकित्सा के लिए नया परिसर
इससे पहले वर्ष में नवी मुंबई के खारघर में आयुष भवन परिसर का पीएम मोदी ने उद्घाटन किया गया था, जिसमें सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (CCRH) के तहत रीजनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (RRIH) और सेंट्रल काउंसिल के तहत रीजनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन (RRIUM) होगा. यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान के लिए (सीसीआरयूएम). केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लेह के साबू थांग इलाके में राष्ट्रीय सोवा-रिग्पा संस्थान (एनआईएसआर) के नए परिसर की आधारशिला भी रखी.
'वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड' के उद्देश्य को बढ़ावा
फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी (PCIM&H) और इंडियन फार्माकोपिया कमीशन (IPC) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ "वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड" के सहयोग और सुविधा को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया था. यह सामंजस्य "वन हर्ब, वन स्टैंडर्ड एंड वन नेशन" के उद्देश्य को पूरा करेगा और भारत में व्यापार करने में आसानी में सुधार कने के साथ-साथ भारतीय वनस्पति विज्ञान के समग्र व्यापार में भी सुधार करेगा. इससे पारंपरिक चिकित्सा के मानकीकरण के क्षेत्र में सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा.
साक्ष्य आधारित अनुसंधान पर फोकस
आयुष मंत्रालय का ध्यान सभी आयुष प्रणालियों में साक्ष्य आधारित अनुसंधान पर रहा है. आयुष में विभिन्न हितधारकों द्वारा व्यापक शोध कार्यों के विशाल भंडार में लगभग 40,000 शोध प्रकाशन शामिल हैं. आयुष अनुसंधान पोर्टल इसे सूचीबद्ध करता है और साक्ष्य आधारित आयुष प्रणालियों और शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के तैयार समाधान को प्रदर्शित करता है. जीनोम अनुक्रम के साथ आयुर्वेद प्रकृति के संबंध में इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) सीएसआईआर द्वारा महत्वपूर्ण शोध किया गया है.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022
COVID-19 महामारी के कारण 2 साल के अंतराल के बाद भौतिक रूप में लौटा. आईडीवाई 2022 की थीम 'मानवता के लिए योग' थी और यह संस्करण पूरी दुनिया में मानवता की सेवा करने और कोविड से पहले और बाद में लोगों की पीड़ा को कम करने में योग के महत्व और योगदान पर प्रकाश डालता है. मुख्य कार्यक्रम मैसूर पैलेस, मैसूर में आयोजित किया गया था जिसमें पीएम मोदी सामूहिक योग प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे. इस वर्ष कई नई पहलें देखी गईं, 'गार्जियन रिंग' कार्यक्रम, जो 79 देशों और संयुक्त राष्ट्र संगठनों के साथ-साथ विदेशों में भारतीय मिशनों के बीच योग की एकीकृत शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए सहयोगी अभ्यास था जो राष्ट्रीय सीमाओं को पार करता है. "आजादी का अमृत महोत्सव" को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के समारोह के साथ जोड़ते हुए देश भर में 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन आयोजित किए गए.